सूर्य नमस्कार यज्ञ समारोह में उमड़े प्रवासी भारतीय
लाॅस एंजेलिस, 03 फरवरी (हि.स.)। हिन्दू स्वयं सेवक संघ ने अमेरिका के विभिन्न हिस्सों में बड़े स्तर पर शनिवार और रविवार को सालाना सूर्य नमस्कार यज्ञ समापन समारोह का आयोजन किया। इस अवसर पर देश भर से दूर-दूर से आए स्वयं सेवकों के साथ प्रवासी भारतीयों ने भी बड़े उत्साह के साथ भाग लिया।
लॉस एंजेलिस में आयोजित यज्ञ समारोह की खूबी यह थी कि इसमें भाग लेने वाले सभी लाेगों ने एक स्वर में सूर्य नमस्कार के साथ सभी दस योग क्रियाएं की। यज्ञ की शुरुआत 18 जनवरी से हुई थी, जिसका समापन रविवार को हुआ। इसके लिए अमेरिका के 28 राज्यों में 200 शाखाओं में हिन्दू स्वयं सेवक संघ ने अपने सभी स्वयं सेवकों को प्रतिदिन दो-दो सेट में फ़ोन काल कांफ्रेंस कर सूर्य नमस्कार के लिए प्रेरित किया था।इसके लिए सुबह-शाम 13-13 बार सूर्य नमस्कार कराने की शपथ ली गई थी।
हिन्दू स्वयं सेवक संघ के एक भारतीय अमेरिकी पदाधिकारी रवि ने बताया कि पिछले 15 वर्षों में क़रीब दस लाख सूर्य नमस्कार किए जा चुके हैं। यह हमारे लिए गौरव की बात है। इस यज्ञ में क़रीब सात लाख स्वयं सेवक और सेविकाओं ने भाग लिया। इनके अलावा सभी राज्यों में भारी तादाद में प्रवासी भारतीय भाग ले चुके हैं।
कर्नाटक से एकदशक पूर्व विवाहोपरांत अमेरिका आई श्रीमती श्रीविद्या ने बताया कि इस सूर्य नमस्कार यज्ञ में प्रदेश और नगर उपनगर के समय के अनुरूप सभी को एकसाथ एक निर्धारित समय पर सुबह-शाम फोन की घंटी बजती थी। इसके लिए हम सभी कार्यकर्ता पहले से तैयार होते थे। जैसे ही मोबाइल पर घंटी बजती, सूर्य नमस्कार के मंत्रोचारण से घर में नई ऊर्जा का संचार हो जाता। मेरे बच्चे भी मंत्रोचारण की ध्वनि से आनंदित हो उठते थे। नए कार्यकर्ताओं के लिए यह बड़ा सुखद अनुभव होता है।
हिन्दू स्वयं सेवक संघ जनवरी 2004 से लगातार अमेरिका में 200 से अधिक संघ शाखाओं में स्वयं सेवकों को प्रतिदिन सूर्य नमस्कार के लिए प्रेरित करता आ रहा है। इसका उद्देश्य एक ओर जहां सूर्य की उपासना पर ज़ोर दिया जाता है, वहीं सूर्य नमस्कार के ज़रिए प्रतिदिन व्यायाम से शारीरिक ऊर्जा ग्रहण करना भी होता है।
सूर्य नमस्कार यज्ञ में एक अच्छी बात यह थी कि यहां समापन समारोह में सभी आयु वर्ग के प्रवासी भारतीयों और स्वयं सेवकों ने मंत्रोचारण के साथ 13 बार सूर्य नमस्कार किए। इसके लिए योग अध्यापक के साथ-साथ सभी ने सूर्य नमस्कार यज्ञ में अपनी आहूति दी।