सूरत/अहमदाबाद, 19 जनवरी (हि.स.)। सूरत में किम-मांडवी स्टेट हाईवे से सटे एक नाले पर रात को सो रहे मजदूरों पर डम्पर पलटने से कम से कम 13 लोगों की मौत हो गई। जबकि कुछ घायलों को इलाज के लिए स्थानांतरित कर दिया गया। घायलों में से भी कई की हालत काफी गंभीर है। जानकारी के मुताबिक सभी मजदूर राजस्थान के थे।
डम्पर पलटने से गटर कवर पर सो रहे मजदूरों में से 12 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। गंभीर हालत में अस्पताल पहुंचने वालों में भी मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका है। 8 घायलों को गंभीर हालत में शमीयर अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान एक की मौत हो गई और मरने वालों की संख्या बढ़कर 13 हो गई। मरने वालों मे राकेश रूपचंद, शोभना राकेश, दिलीप ठाकरा, नरेश बालू, विकेश महिदा, राजिला महिदा, मुकेश महिदा, लीला मुकेश, मनीषा, चंपा बालू, एक दो साल की लड़की और एक साल का लड़का।
वरिष्ठ अधिकारियों सहित पुलिस काफिला मौके पर पहुंचा। पुलिस ने डम्पर चालक और क्लीनर को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने बताया कि डम्पर चालक नशे की हालत में पाया गया।
बांसवाड़ा के कुशलगढ़ के मूल निवासी मजदूरों के पांच-छह परिवार पिछले पांच वर्षों से पलोड़ के पास रह रहे हैं। सोमवार देर रात लगभग 12 बजे के बाद, किम से मांडवी की ओर जा रहे एक डम्पर के चालक ने गन्ने से लदे ट्रैक्टर को किम चार रास्ता की ओर ले जा रहा था। ट्रैक्टर से टकराने के बाद, डम्पर चालक ने स्टीयरिंग व्हील पर नियंत्रण खो दिया और 20 सोते हुए मजदूरों को कुचल दिया। डम्पर सड़क के किनारे फुटपाथ पर चढ़ गया था। इस हादसे में 12 लोगों की मौके पर ही मौत हो गयी। पुलिसकर्मियों ने इन शवों को अस्पताल पहुंचवाया।
राकेश रूपचंद, जो उस जगह से थोड़ी दूरी पर एक दुकान में काम कर रहा था, जहाँ हर दिन दुकान के पास एक केबिन में सोता था। सोमवार को वह केबिन में सोने के बजाय अन्य श्रमिकों के साथ फुटपाथ पर सोते हुए इस डम्पर की चपेट में आ गया। बेकाबू डम्पर ने चार से पांच दुकानों के शेड को भी तोड़ दिया। ट्रैक्टर से टकराने के बाद फुटपाथ पर सो रहे मजदूरों को कुचलते हुए डम्पर चालक फुटपाथ से कूद गया और पीछे दुकानों तक पहुंच गया।
घटना में छह महीने की बच्ची के माता-पिता सो रहे थे, जब डम्पर ने फुटपाथ पर सो रहे मजदूरों के साथ लड़की के माता-पिता को कुचल दिया और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। लाशों के ढेर के बीच लड़की की चीख-पुकार सुनकर पुलिस वाले भी भावुक हो गए।