वाशिंगटन, 28 जनवरी (हि.स.)। अमेरिका में सस्ते में उपचार और सार्वजनिक सुविधाओं का लाभ उठाने की गरज से आने वाले निम्न आय वर्ग के निर्धन और असहाय आव्रजकों के सामने अब नई अड़चन खड़ी हो सकती हैं। उन्हें अमेरिका में स्थायी रूप से रहने के लिए ग्रीन कार्ड और नागरिकता हासिल करने में पेचीदगियों का सामना करना पड़ सकता है।
अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को 5-4 के निर्णय में ट्रम्प प्रशासन के अगस्त में लागए गए प्रस्ताव पर अपनी मुहर लगा दी है। इसमें कहा गया था कि ऐसे सभी आव्रजकों को वीजा देने में कड़ाई बरती जाए, जो फूड स्टैम्प, उपचार के लिए मेडिकेड और आवासीय सुविधाओं के नाम पर आव्रजक रूप में अमेरिका आते हैं। इस प्रस्ताव में ऐसे सभी वीजा आवेदकों से करीब आठ हजार डालर का एक बॉन्ड सरकारी खजाने में जमा कराने को कहा गया था। इस प्रस्ताव की देशभर में निंदा हुई थी। इस निर्णय के विरोध में कुछ राज्यों ने यह कह कर माखौल उड़ाया था कि यह अमीर और गरीब के बीच पक्षपात होगा। इस पर सुप्रीम कोर्ट के अधीनस्थ दो अदालतों में न्यूयॉर्क कोर्ट ने ट्रम्प प्रशासन के आदेश पर रोक लगा दी थी। उल्लेखनीय है कि अमेरिका में हर साल मेक्सिको, अल सलवाडोर सहित अन्य देशों से लाखों आव्रजक चोरी-छिपे आते हैं।
सुप्रीम कोर्ट के सोमवार के आदेश के बाद शिकागो को छोड़कर इसे पूरे देश में लागू किया जा सकेगा। शिकागो की एक अदालत में एक अन्य याचिका विचाराधीन है। होमलैंड सिक्योरिटी डिपार्टमेंट के कार्यवाहक सचिव चक्किनेल्ली ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर खुशी जताते हुए कहा है कि अब उनका काम आसान हो जाएगा।