नई दिल्ली, 16 फरवरी (हि.स.)। ओटीटी प्लेटफॉर्म पर निगरानी और नियंत्रण के लिए स्वायत्त संस्था के गठन की मांग पर सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि इस पर विचार चल रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर नाराजगी जताते हुए कहा कि आप स्पष्ट तौर पर बताएं कि अब तक आपने क्या किया। कोर्ट ने केंद्र सरकार को छह हफ्ते में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।
15 अक्टूबर, 2020 को कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था। वकील शशांक शेखर झा ने याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि ओटीटी प्लेटफॉर्म पर ऐसे कार्यक्रम दिखाए जा रहे हैं जो सामाजिक और नैतिक मूल्यों के अनुरुप नहीं हैं। याचिका में कहा गय है कि ओटीटी प्लेटफॉर्म पर कुछ कार्यक्रमों में सैन्य बलों का भी गलत चित्रण किया गया है। याचिकाकर्ता ने सूचना और प्रसारण मंत्रालय को भी अपनी बात रखी थी लेकिन सरकार ने ओटीटी प्लेटफॉर्म को स्वनियमन की जिम्मेदारी सौंप की।
याचिका में कहा गया है कि ओटीटी प्लेटफॉर्म्स ने स्वनियमन के नाम पर एक संस्था बनाई है। नेटफ्लिक्स, अमेजन प्राइम, हॉट स्टार, ऑल्ट बालाजी जैसे 15 बड़े ओटीटी प्लेटफॉर्म इस संस्था के सदस्य हैं लेकिन इस संस्था का कामकाज संतोषप्रद नहीं है। याचिका में मांग की गई है कि ओटीटी प्लेटफॉर्म के कंटेंट के रेगुलेशन के लिए एक स्वायत संस्था का गठन किया जाए। इस संस्था की अध्यक्षता सचिव स्तर के वरिष्ठ अधिकारी करें। इस संस्था में सिनेमा और वीडियो निर्माण से जुड़े लोगों, शिक्षाविद्, कानूनविद् और रक्षा क्षेत्र से जुड़े लोगों का प्रतिनिधित्व हो।