कोलकाता, 05 जून (हि.स.)। ममता बनर्जी के मजबूत किले में सेंध लगाने के लिए भाजपा ने पूरी ताकत झोंक दी है। लोकसभा चुनाव में राज्य की 42 में से 18 सीटों पर शानदार जीत दर्ज करने के बाद 2021 के विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए पार्टी ने रणनीति बनानी शुरू कर दी है। इसी कड़ी में मंगलवार को कोलकाता के महाराष्ट्र भवन में राज्य और केंद्रीय स्तर के नेताओं ने अहम रणनीतिक बैठक की है। इसमें पार्टी के नवनिर्वाचित सांसद भी शामिल हुए थे प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष प्रदेश प्रभारी और राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, सह प्रभारी अरविंद मेनन, वरिष्ठ नेता रामलाल समेत, मुकुल रॉय, राहुल सिन्हा और अन्य वरिष्ठ नेता इसमें शामिल हुए थे।
भाजपा सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि बंद दरवाजे के अंदर की गई इस बैठक में तय किया गया है कि 2021 के विधानसभा चुनाव में राज्य की 294 में से कम से कम 220 सीटों पर पार्टी हर हाल में जीत दर्ज करेंगी।
उल्लेखनीय है कि इसी तरह से राज्य की 42 में से 23 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज करने का लक्ष्य भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने तय किया था। पार्टी ने राज्य में इस लक्ष्य को कमोबेश पूरा कर लिया है। अब बंगाल की सत्ता के लक्ष्य से विधानसभा चुनाव के लिए भी पार्टी ने अपना टार्गेट तय कर लिया है। राज्य में लोकसभा चुनावों के वास्तुकार कैलाश विजयवर्गीय ने मंगलवार को कहा कि उनकी पार्टी 2021 में आगामी चुनावों में 294 सीटों वाली पश्चिम बंगाल विधानसभा में कम से कम 220 सीटों का लक्ष्य रखेगी। वर्तमान में, तृणमूल कांग्रेस के पास 208 सीटें हैं, कांग्रेस 43 है। राज्य विधानसभा में माकपा 23 और भाजपा 10 राज्य में लोकसभा चुनाव के दौरान शानदार प्रदर्शन के बाद पहली बार की गई महामंथन की बैठक में प्रदेश इकाई ने अपनी शानदार प्रदर्शन का श्रेय अमित शाह को दिया है। बैठक में शामिल नेताओं ने स्पष्ट किया कि अमित शाह ने लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण में पश्चिम बंगाल में डेरा डाल रखा था जिसका परिणाम यह हुआ कि राज्य में लोगों ने बड़े पैमाने पर भाजपा का समर्थन किया। यह केवल स्पष्ट है कि पार्टी अब अपनी सारी ताकत पूर्वी राज्य पर केंद्रित करेगी और ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस से छीनकर सत्ता हासिल करने की कोशिश करेगी। अपनी पार्टी की मंशा का खुलासा करते हुए, विजयवर्गीय ने कहा है कि राष्ट्रीय नेतृत्व पश्चिम बंगाल विधानसभा में 220 से कम सीटें नहीं चाहेगा। पार्टी टीएमसी से लड़ाई के लिए तैयार है, भले ही इसका मतलब डोर-टू-डोर अभियान और केंद्रीय बलों की तैनाती हो।
विजयवर्गीय ने पत्रकारों से कहा कि विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा राज्य के कोने-कोने में व्यापक जनसंपर्क और प्रचार अभियान चलाएगी और इसके लिए अगर तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता अथवा प्रशासन बाधा देता है तो इसके लिए केंद्रीय मदद ली जाएगी। हाल ही में संपन्न हुए आम चुनावों में कोलकाता और आस-पास के इलाकों में व्यापक हिंसा देखी गई, जिसके लिए भाजपा ने टीएमसी कार्यकर्ताओं को दोषी ठहराया था। उन्होंने कहा कि भाजपा के कार्यकर्ता राज्य के कोने कोने में जाकर लोगों की समस्याओं को समझेंगे और उसके अनुसार अपनी चुनावी रणनीति बनाएंगे। पिछले आम चुनावों में, भाजपा को सक्रिय सदस्यों की कमी के कारण बूथ मैनेजमेंंट के लिए अपर्याप्त एजेंटों की समस्याओं का सामना करना पड़ा था, और परिणामस्वरूप, संभावित मतदाताओं और एजेंटों के बीच समन्वय की कमी थी। 2021 के चुनावों में ऐसी समस्या ना हो इसीलिए पार्टी बूथ स्तर पर सदस्यता अभियान चलाना चाहती हैै।