सुनंदा पुष्कर मामला: अदालत से दिल्ली पुलिस ने कहा, थरूर के खिलाफ तय हो उकसाने का आरोप

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दिल्ली पुलिस ने स्पेशल जज अजय कुमार कुहार की अदालत से शशि थरूर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 498ए और 306 के तहत आरोप तय करने की मांग की।



नई दिल्ली, 31 अगस्त (हि.स.)। दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में दिल्ली पुलिस ने कहा है कि आरोपी शशि थरूर के खिलाफ खुदकुशी के लिए उकसाने का आरोप तय हो। दिल्ली पुलिस ने स्पेशल जज अजय कुमार कुहार की अदालत से शशि थरूर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 498ए और 306 के तहत आरोप तय करने की मांग की। इस मामले पर अदालत अब 17 अक्टूबर को सुनवाई करेगा।

सुनंदा पुष्कर के भाई आशीष दास ने अदालत को बताया कि सुनंदा अपनी शादीशुदा जिंदगी से खुश थी, लेकिन अपने आखिरी दिनों में वह काफी परेशान थी। लेकिन वो खुदकुशी के बारे में सोच भी नहीं सकती थी। सुनवाई के दौरान लोक अभियोजक अतुल श्रीवास्तव ने कहा कि सुनंदा पुष्कर अपनी दोस्त नलिनी सिंह से अपनी निजी जिंदगी की बातें शेयर करती थीं। नलिनी सिंह ने बताया कि शशि थरूर के पाकिस्तानी पत्रकार मेहर तरार से काफी नजदीकियां थीं। थरूर और मेहर तरार ने दुबई में तीन रातें एक साथ बिताई थीं।

नलिनी सिंह ने बताया था कि सुनंदा ने अपनी मौत के एक दिन पहले उन्हें फोन कर बताया कि शशि थरूर और मेहर तरार रोमांटिक मैसेज शेयर करते हैं। मैसेज में लिखा था कि थरूर आम चुनाव के बाद सुनंदा को तलाक दे देंगे। अतुल श्रीवास्तव ने कहा कि शशि थरूर ने सुनंदा पुष्कर को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया, जिसकी वजह से उसने खुदकुशी की। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का जिक्र किया, जिसमें मानसिक प्रताड़ना को भी क्रूरता की श्रेणी में माना गया है।

इन दलीलों का शशि थरूर के वकील ने विरोध करते हुए कहा कि लोक अभियोजक वो बातें कह रहे हैं जो एसआईटी द्वारा एकत्र किए गए सबूतों के विपरीत हैं। शशि थरूर के वकील ने इस पर अगली तिथि को बहस करने की मांग की।

उल्लेखनीय है कि 18 जुलाई को अदालत ने अभियोजन पक्ष को विशेषज्ञों से दिशा-निर्देश लेने के लिए दस्तावेज साझा करने की अनुमति दे दी थी। कोर्ट ने अभियोजन पक्ष को किसी तीसरे पक्ष से दस्तावेज साझा करने से मना किया था। कोर्ट ने कहा था कि अभियोजन पक्ष जिन विशेषज्ञों से दस्तावेज साझा करेगा वे किसी दूसरे से इसे साझा नहीं करेंगे। कोर्ट ने अभियोजन पक्ष को निर्देश दिया था कि वो विशेषज्ञों से राय लेने के लिए दस्तावेज साझा करने से पहले कोर्ट के आदेश की प्रति उपलब्ध कराएं। अभियोजन पक्ष उन विशेषज्ञों का रिकॉर्ड भी बनाकर रखेगा जिनकी वो मदद लेने की योजना बना रहा हो।

24 मई को कोर्ट ने बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी को पब्लिक प्रोसिक्यूटर का सहयोग करने की अनुमति देने की मांग करने वाली याचिका खारिज कर दी थी। कोर्ट ने स्वामी की उस मांग को भी खारिज कर दिया था कि साक्ष्यों को नष्ट करने पर दिल्ली पुलिस की विजिलेंस रिपोर्ट कोर्ट के समक्ष पेश की जाए।

4 फरवरी को एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल ने सुब्रमण्यम स्वामी की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें उन्होंने खुद को अभियोजन को मदद करने की मांग की थी। हालांकि कोर्ट ने इस मामले की विजिलेंस रिपोर्ट सुरक्षित रखने का निर्देश दिया था, ताकि भविष्य में जरूरत पड़ने पर काम आ सके। एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल की कोर्ट ने 4 फरवरी को इस मामले को ट्रायल के लिए सेशंस कोर्ट में भेज दिया था।

14 मई 2018 को दिल्ली पुलिस ने आरोप पत्र दाखिल किया था। आरोप पत्र में सुनंदा पुष्कर के पति और कांग्रेस नेता शशि थरूर को आरोपित बनाया गया है। थरूर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 498ए और 306 के तहत आरोपित बनाया गया है।

आरोप पत्र में कहा गया है कि सुनंदा पुष्कर की मौत शशि थरूर से शादी के 3 साल, 3 महीने और 15 दिनों में हो गई थी। दोनों की शादी 22 अगस्त 2010 को हुई थी। एक जनवरी 2015 को दिल्ली पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत एफआईआर दर्ज की थी।

 


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