गाजियाबाद, 12 जून (हि.स.)। इस साल मार्च में शुरू की गई सुमंगला योजना के प्रचार-प्रसार की जिम्मेदारी अब शिक्षकों को दी जाएगी। जिला प्रोबेशन अधिकारी विकास चंद्र ने बुधवार को बताया कि कन्या सुमंगला योजना का प्रचार-प्रसार करने की जिम्मेदारी शासन ने सरकारी और निजी स्कूलों के शिक्षकों को देने का निर्णय लिया है।
बताया कि शिक्षक अभिभावकों को योजना की जानकारी देंगे ताकि सभी पात्र बच्चियों का पंजीकरण हो सके और उन्हें योजना का लाभ मिल सके। चंद्रा ने बताया कि जिले में ढाई लाख परिवारों को योजना का लाभ मिलेगा। योजना का लाभ एक अप्रैल 2019 के बाद जन्मी बेटियों को मिलेगा। हर बेटी को छह चरणों में कुल मिलाकर 15 हजार रूपए मिलेंगे। इस योजना का लाभ लेने के लिए बेटी का जन्म होते ही पंजीकरण कराना होगा।
उन्होंने बताया कि कन्या सुमंगला योजना का लाभ लेने के लिए तीन लाख रूपए वार्षिक आय वाले परिवार पात्र होंगे। इतना ही नहीं योजना का लाभ दो बच्चों या अधिकतम दो बेटियों वाले परिवारों को ही मिल पाएगा। बेटी गोद लिए जाने पर भी योजना का लाभ लिया जा सकेगा। कन्या सुमंगला योजना का पैसा बच्ची की मां के खाते में जाएगा, मां न होने की स्थिति में ही बच्ची के पिता या अभिभावक के खाते में पैसा प्राप्त किया जा सकेगा।
जिला प्रोबेशन अधिकारी ने बताया कि योजना के बारे में अभी जागरूकता की कमी है लिहाजा योजना के प्रचार प्रसार की जिम्मेदारी स्कूलों को दिए जाने का निर्णय लिया गया है।
छ्ह श्रेणियों में लागू होगी कन्या सुमंगला योजना
– बालिका के जन्म होने पर 2000 रुपए एक बार में
– बालिका के एक वर्ष तक के सभी टीका लग जाने के बाद एक हजार रुपए एक बार
– कक्षा प्रथम में बालिका के प्रवेश के उपरांत 2000 रुपए एक बार
– कक्षा छह में बालिका के प्रवेश के उपरांत 2000 रुपए एक बार
– कक्षा नौ में बालिका के प्रवेश के उपरांत 3000 रुपए एक बार
– ऐसी बालिकाएँ जिन्होंने कक्षा 12वीं पास करके स्नातक अथवा दो वर्षीय या अधिक अवधि के डिप्लोमा कोर्स में प्रवेश ले लिया हो 5000 रुपए एकमुश्त।
किसको मिलेगा लाभ :
– बालिका का जन्म पहली अप्रैल 2019 व उसके बाद संस्थागत अथवा प्रशिक्षित स्वास्थ्य कार्यकर्ता द्वारा हुआ हो
– बालिका की जन्म तिथि से छ्ह माह के भीतर आवेदन किया जाना अनिवार्य है
– लाभार्थी उत्तर प्रदेश का निवासी हो
– पारिवारिक वार्षिक आय अधिकतम तीन लाख रुपए हो
– परिवार की अधिकतम दो ही बच्चियों को योजना का लाभ मिल सकेगा
– लाभार्थी के परिवार में अधिकतम दो ही बच्चे हों
– किसी महिला को दूसरे प्रसव से जुड़वा बच्चे होने पर तीसरी संतान के रूप में लड़की को भी लाभ मिलेगा
– किसी महिला को पहले प्रसव से बालिका है और दूसरे प्रसव से दो जुड़वा बालिकाएँ ही होती हैं तो तीनों बालिकाएँ इस योजना की पात्र होंगी ये अभिलेख लगाने होंगे
– बैंक खाते के पासबुक की छाया प्रति
– निवास प्रमाणपत्र, फोटो पहचान पत्र,आय प्रमाण पत्र आवेदन कैसे करें,आवेदन फार्म खंड विकास अधिकारी, एसडीएम, जिला परिवीक्षा अधिकारी, कन्या सुमंगला पोर्टल से नि:शुल्क प्राप्त किए जा सकते हैं।