लॉस एंजेल्स, 05 जनवरी (हि.स.)। ईरान के जनरल क़ासिम सुलेमानी की एक अमेरिकी हवाई हमले में मौत पर इराक़ और ईरान सहित दुनिया भर में गहरी संवेदनाएं व्यक्त की जा रही हैं तो दूसरी ओर खाड़ी में एक और युद्ध टालने के लिए व्यापक स्तर पर कूटनीतिक प्रयास भी किए जा रहे हैं। शुक्रवार को सुलेमानी की मौत के बाद शनिवार की सुबह बग़दाद में उनका जनाजा निकाला गया। शुक्रवार को आयतुल्ला खमेनी ने सुलेमानी को एक शहीद बताया था और तीन दिनों के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की थी।
जनाज़े में हज़ारों लोग कड़े तेवर में ‘डेथ फ़ार अमेरिका’, ‘ड़ेथ फ़ार इज़राइल’ के नारे लगा रहे थे। यह जनाजा जैसे ही सेंट्रल बग़दाद में ‘ग्रीन ज़ोन’ और अमेरिकी दूतावास के समीप से गुज़रा, एक साथ अनेक राकेट चलने की आवाज़ें सुनाई पड़ीं। इन राकेट ब्लास्ट में अभी तक किसी के हताहत होने की ख़बर नहीं है। यह ग्रीन ज़ोन वह है, जहाँ अमेरिका के सैन्य कर्मी इराक़ के जवानों को प्रशिक्षण देते हैं। अभी तक किसी ग्रुप ने इसकी ज़िम्मेदारी भी नहीं ली है। हालांकि शनिवार को केटब हिज़बुल्ला ने इराक़ी सैनिकों को चेतावनी दी है कि वे रविवार सायं से अमेरिकी सैन्य अड्डे से एक हज़ार मीटर दूर रहें। सुलेमानी के जनाज़े को शनिवार की सायं उनके गृह नगर ले जाया जा रहा है।
शनिवार की सुबह ईरान के राष्ट्रपति दिवंगत जनरल सुलेमानी के निवास पर जा कर उनकी बेटी से मिले और उन्हें सांत्वना दी। बेटी का एक ही सवाल था कि वह बदले में क्या कार्रवाई कर रहे हैं? जनाज़े को शनिवार शाम ईरान ले जाया जा रहा है, जहाँ ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला खमेनी ने अपने अज़ीज़ ले॰ जनरल क़ासिम सुलेमानी की मौत का जवाब कड़ाई से दिए जाने की धमकी दी है।
इसके जवाब में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शनिवार को अपने तेवर और कड़े करते हुए धमकी दे दी है कि ईरान ने उनके हितों पर कहीं भी चोट पहुँचाने की कोशिश की तो अमेरिकी सेनाएं ईरान के चुनिंदा 52 ठिकानों को निशाना बनाने से नहीं चूकेंगी। यह धमकी ट्रम्प बार-बार ट्वीट कर कह रहे हैं।