जी न्यूज़ के सुधीर चौधरी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा चलाने का रास्ता साफ

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सेशंस कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर लगाई थी रोक, जिसे हाईकोर्ट ने हटाईतृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने दायर किया था मुकदमा



दिल्ली, 17 अक्टूबर (हि.स.)। जी न्यूज के प्रमुख सुधीर चौधरी के खिलाफ तृणमूल सांसद महुआ चौधरी की ओर से दायर आपराधिक मानहानि का मुकदमा चलाने का रास्ता साफ हो गया है। दिल्ली हाईकोर्ट ने सेशंस कोर्ट के उस आदेश को आज निरस्त कर दिया, जिसमें ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर रोक लगाई गई थी। अब इस मामले में ट्रायल कोर्ट सुनवाई करेगा।

इससे पहले पटियाला हाउस कोर्ट की सेशंस जज ने ट्रायल कोर्ट में चल रही कार्यवाही पर रोक लगाने का आदेश दिया था। सेशंस कोर्ट के इस आदेश को महुआ मोइत्रा ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।

पिछले 15 जुलाई को पटियाला हाउस कोर्ट ने महुआ मोइत्रा की इस अर्जी पर संज्ञान लिया था। महुआ मोइत्रा की याचिका में कहा गया है कि महुआ मोइत्रा ने लोकसभा में अपने भाषण में फासिज्म के सात संकेतों का जिक्र किया था। इस भाषण के बारे में सुधीर चौधरी ने अपने टीवी प्रोग्राम में ये आरोप लगाया कि महुआ मोइत्रा का भाषण चुराया हुआ था। महुआ मोइत्रा के वकील शादान फरासत ने कोर्ट से कहा कि भाषण में अमेरिकी म्युजियम में प्रलय के पोस्टर का जिक्र करते हुए उसके संकेतों को फासीवाद के शुरुआती संकेत बताया। महुआ मोइत्रा ने अपने भाषण में कहा था कि भारत में भी फासीवाद के शुरुआती संकेत उसी पोस्टर के संकेतों की तरह हैं। महुआ मोइत्रा ने अपने भाषण में उस पोस्टर का जिक्र किया था।

याचिका में कहा गया है कि सुधीर चौधरी ने कहा कि महुआ मोइत्रा ने घृणापूर्ण भाषण दिया और वो भाषण चोरी किया हुआ था। सुधीर चौधरी ने अपने प्रोग्राम में कहा कि महुआ मोइत्रा ने दूसरे का भाषण चुराकर अपना कहा। सुधीर चौधरी ने अपने प्रोग्राम में कहा था कि अमेरिकी लेखक मार्टिन लांगमैन ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का जिक्र करते हुए जो आलेख लिखा था वही महुआ मोइत्रा ने अपने भाषण में हूबहू बोला था। उसके बाद कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए महुआ मोइत्रा का बयान दर्ज कराने का आदेश दिया।

 


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