नई दिल्ली, 05 अक्टूबर (हि.स.)। चीन के साथ चल रहे गतिरोध के बीच भारत लगातार मिसाइल परीक्षण कर रहा है।सोमवार को सुपरसोनिक मिसाइल असिस्टेड रिलीज टॉरपीडो (स्मार्ट) का सफल परीक्षण किया गया। यह तकनीक युद्ध के वक़्त विरोधी पनडुब्बियों को मार गिराने में भारत की क्षमता बढ़ाएगी। स्मार्ट मिसाइल मुख्य रूप से टॉरपीडो सिस्टम का हल्का रूप है, जिसे लड़ाकू जहाजों पर तैनात किया जाएगा।
ओडिशा तट के व्हीलर द्वीप से आज किये गए परीक्षण के दौरान इसकी रेंज और ऊंचाई तक मिसाइल उड़ान, टॉरपीडो को छोड़ने की क्षमता और वेग न्यूनीकरण तंत्र (वीआरएम) पर स्थापित करने की क्षमता सहित सभी मिशन पूरी तरह से सफल रहे। इसीलिए रक्षा मंत्रालय ने इसे सफल परीक्षण करार दिया है। परीक्षण के समय ट्रैकिंग स्टेशन (रडार, इलेक्ट्रो ऑप्टिकल सिस्टम) और डाउन रेंज जहाजों सहित टेलीमेट्री स्टेशनों ने सभी घटनाओं की निगरानी की। स्मार्ट टॉरपीडो रेंज से परे एंटी-सबमरीन वारफेयर ऑपरेशन के लिए हल्के एंटी-सबमरीन टॉरपीडो सिस्टम की मिसाइल असिस्टेड रिलीज है। यह लॉन्च और प्रदर्शन एंटी-सबमरीन वॉरफेयर क्षमताओं को स्थापित करने में महत्वपूर्ण है।
टारपीडो के सुपरसोनिक मिसाइल असिस्टेड रिलीज़ का प्रक्षेपण और प्रदर्शन पनडुब्बी रोधी युद्ध क्षमता स्थापित करने में महत्वपूर्ण है। इसके लिए आवश्यक तकनीकों का विकास रक्षा अनुसंधान और विकास प्रयोगशाला (डीआरडीएल), अनुसंधान केंद्र इमरत (आरसीआई) हैदराबाद, हवाई वितरण अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान (एडीआरडीई) आगरा और नौसेना विज्ञान और तकनीकी प्रयोगशाला (एनएसटीएल) विशाखापत्तनम ने किया है।
इस सफलता पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्विट कर बधाई देते हुए कहा “डीआरडीओ ने सफलतापूर्वक सुपरसोनिक मिसाइल असिस्टेड रिलीज टॉरपीडो (स्मार्ट) का परीक्षण किया है। ये तकनीक युद्ध के वक़्त विरोधी पनडुब्बियों को मार गिराने की हमारी क्षमता बढ़ाएगी। मैं डीआरडीओ और पूरी टीम को इस बड़ी उपलब्धि के लिए बधाई देता हूं।” डीआरडीओ अध्यक्ष डॉ. जी सतीश रेड्डी ने कहा कि एसएमएआरटी एंटी-सबमरीन वारफेयर में एक गेम चेंजर प्रौद्योगिकी प्रदर्शन है।
पिछले हफ्ते विस्तारित रेंज की ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल और सतह से सतह पर मार करने वाली परमाणु क्षमता वाली बैलिस्टिक ‘शौर्य मिसाइल’ के नए संस्करण का परीक्षण किया जा चुका है।