बैंकों और इंश्योरेंस कर्मचारियों का 8 जनवरी को देशव्यापी हड़ताल

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यह हड़ताल केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के विरुद्ध की जाएगी, जिसमें नौकरियों की सुरक्षा, रोजगार सृजन और श्रम कानूनों में संशोधन बंद करने से जुड़ी मांगें रखी जाएगी।



नई दिल्‍ली, 21 दिसम्‍बर (हि.स.)। बैंकिंग और बीमा क्षेत्र की प्रमुख यूनियन नए साल में हड़ताल करने की तैयारी में हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बैंकिंग क्षेत्र की प्रमुख यूनियनों ने आठ जनवरी, 2020 को केंद्रीय ट्रेड यूनियनों द्वारा आयोजित आम हड़ताल में हिस्‍सा लेने का फैसला किया है। ये जानकारी शनिवार को अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए) के एक शीर्ष नेता ने दी है। बैंकों और बीमा क्षेत्र के कर्मचारियों की हड़ताल की स्थिति में ग्राहकों का कामकाज प्रभावित हो सकता है।

एआईबीईए के महासचिव सीएच वेंकटचलम ने बताया कि 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियन, राष्ट्रव्यापी हड़ताल का समर्थन कर रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि यह हड़ताल केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के विरुद्ध की जाएगी, जिसमें नौकरियों की सुरक्षा, रोजगार सृजन और श्रम कानूनों में संशोधन बंद करने से जुड़ी मांगें रखी जाएगी।

वेंकटलचम ने कहा कि इस हड़ताल में बैंकिंग क्षेत्र से जुड़ी हुई प्रमुख यूनियन एआईबीईए, एआईबीओए, बीईएफआई, आईएनबीईएफ और आईएनबीओसी शामिल होंगी। उन्‍होंने यह भी दावा किया है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के कर्मचारी भी इस हड़ताल में शामिल होंगे। इसके अलावा सहकारी बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (आरआरबी),  भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) और सामान्य बीमा क्षेत्र के कर्मचारियों ने भी हड़ताल का समर्थन किया है।

उल्‍लेखनीय है कि सरकार द्वारा बैंकों के विलय के फैसले का अलग-अलग कर्मचारी संघ विरोध कर रहे हैं। दरअसल तीन महीने पूर्व वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दस बैंकों के विलय का ऐलान किया था, जिसके बाद 4 नए बैंक अस्तित्‍व में आएंगे। वहीं, इलाहाबाद बैंक,  कॉर्पोरेशन बैंक, सिंडिकेट बैंक,  आंध्रा बैंक, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया और ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स का अस्तित्‍व नहीं रह जाएगा। बैंक यूनियनों का कहना है कि बैंकों के इस विलय से बैंकिंग सेक्‍टर से जुड़े लोगों की नौकरी जाएगी। इस वजह से बैंकि यूनियन हड़ताल करेंगे।

 


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