कर्तव्यों का पालन न करने वाले अधिकारियों पर हो सख्त कार्रवाईःसंसदीय समिति

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नई दिल्ली, 09 मार्च (हि.स.)।संसद की एक समिति ने अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन न करने और खराब प्रदर्शन करने वाले प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ केन्द्र सरकार से सख्त कार्रवाई करने की सिफारिश की है। संसदीय स्थायी समिति ने बजट सत्र के दूसरे चरण में पेश कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय की अनुदान मांगों (2020-21)  के संबंध में पेश सौंवें प्रतिवेदन में कहा कि खराब प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों को हटाया जाना चाहिए। सरकार के इस कदम से बेहतर प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों को प्रेरणा मिलेगी और वह अपने दायित्वों का और भी सफलतापूर्वक निर्वहन करेंगे।

मंत्रालय की ओर से समिति को बताया गया कि भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के 338 अधिकारियों ने बीते साल अपनी अचल संपत्ति का विवरण दाखिल नही किया। समिति ने इसे गंभीरता से लेते हुए अपनी रिपोर्ट में  कहा कि प्रशासनिक अधिकारियों से ईमानदारी और नैतिकता के उच्चतम मानकों की अपेक्षा की जाती है। इसके साथ ही समिति ने कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) से सिफारिश की गई है कि वह प्रशासनिक अधिकारियों के लिए बने दिशानिर्देशों का पालन करने और समय पर अचल संपत्ति का ब्यौरा देने के लिए कड़े उपाय करे, ताकि कोई अधिकारी नियमों का उल्लंघन न कर सके। साथ ही समिति ने डीओपीटी से उन सभी 338 आईएएस अधिकारियों के बारे में भी जानकारी मांगी है जिन्होंने गत वर्ष अचल संपत्ति का ब्यौरा पेश नही किया।

संसद में छह मार्च को पेश रिपोर्ट में सरकार की ओर से समिति को बताया गया कि वार्षिक आधार प्रदर्शन की समीक्षा करने व लापरवाही बरतने वाले लोगों को कार्यमुक्त कर दिया गया है।  इसके तहत कुल  695 अधिकारी हटाए गए । इसमें पांच आईएएस, 10 आईपीएस, भारतीय वनसेवा (आईएफएस) के चार, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के 37, सीबीईसी के 37 अधिकारियों को सेवा से हटा दिया गया । इनके अलावा ग्रुप-ए के 83 और केंद्रीय सेवाओं के 128 को भी सेवामुक्त कर दिया गया। साथ ही सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों में 332 और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में से 59 अधिकारियों को हटा दिया गया है।

 


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