शौर्य की धरती झांसी में अब स्ट्राबेरी लिखेगी तरक्की की नई इबारत :मुख्यमंत्री

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मुख्यमंत्री योगी ने स्ट्राबेरी फेस्टिवल का किया ऑनलाइन शुभारंभ, एक माह तक चलेगा महोत्सव



झांसी, 17 जनवरी(हि.स.)। रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नगर के स्थानीय होटल में आयोजित स्ट्रॉबेरी महोत्सव का वर्चुअल शुभारंभ किया। कहा कि आज का दिन बेहद महत्वपूर्ण है। बुंदेलखंड की धरती पर स्ट्रॉबेरी महोत्सव का आयोजन हो रहा है।
उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि बुंदेलखंड के बारे में देश और प्रदेश की जो धारणा थी उसे इस महोत्सव के माध्यम से एक नया संदेश दिया जा रहा है, यह झांसी सहित बुंदेलखंड के नागरिकों में कार्य करने की दृढ़ इच्छा शक्ति है। शौर्य की धरती झांसी में अब स्ट्राबेरी तरक्की की नई इबारत लिखेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बुंदेलखंड की उर्वरा भूमि में सोना उगलने की क्षमता है लेकिन इस प्रतिभा को उचित मंच नहीं मिल पा रहा था। झांसी में अगले एक माह तक चलने वाला स्ट्रॉबेरी महोत्सव चमत्कार से कम नहीं है, यह हमारे बुंदेलखंड के किसानों के परिश्रम का परिणाम है। मैं इसके लिए सभी किसान बंधुओं को हृदय से बधाई देता हूं। स्ट्रॉबेरी का उत्पादन कार्य घर की छत से प्रारंभ किया गया, इसके बाद इसे खेतों में रोपित किया गया। अब एक महोत्सव के रूप में पूरे झांसी बुंदेलखंड में एक नई पहचान दिलाने का काम करेगा।
उन्होंने कहा कि झांसी की धरती स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए उपयोगी एवं लाभकारी है। इस खेती को बढ़ावा देने के लिए झांसी में स्ट्रॉबेरी महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इस दौरान एक माह तक चलने वाले महोत्सव में झांसी सहित संपूर्ण बुंदेलखंड में इसकी खेती के व्यापक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित हों। उन्होंने कहा कि निजी रूप से प्रदेश के पिछड़े इलाकों में शामिल बुंदेलखंड के विकास के लिए शासन व प्रशासन बेहद गंभीर है और चाहते हैं कि बुंदेलखंड में हर तरफ खुशियां हो, उद्योग से लेकर खेती किसानी में तरक्की हो।
जहां चाह वहां राह
झांसी में स्ट्रॉबेरी की खेती से तथा सुल्तानपुर व बाराबंकी में ड्रैगन फ्रूट के उत्पादन से किसानों की आय दोगुनी की जा सकती है। सरकार हर क्षेत्र में सहयोग कर रही है, सब्सिडी दे रही है। साथ ही किसानों को तकनीकी के साथ किसानी को जोड़ने का कार्य कर रही है। किसानों को ड्रिप इरिगेशन सुविधा का लाभ और सब्सिडी का लाभ देकर आमदनी कई गुना बढ़ाने का भी कार्य सरकार कर रही है। उन्होंने कहा कि यदि हम खेतों को ड्रिप इरिगेशन से जोड़ दें तो उत्पादन में बढ़ोतरी होगी और पानी की खपत भी कम होगी।
 मुख्यमंत्री ने कहा कि झांसी में स्ट्रॉबेरी महोत्सव पूरे उत्तर प्रदेश के अन्नदाताओं के लिए एक अनोखी पहल है। उन्होंने झांसी के स्ट्रॉबेरी महोत्सव की तरह बाराबंकी में सब्जी उत्पादन, सुल्तानपुर में ड्रैगन फूड तथा चंदौली, कौशांबी, प्रयागराज में काला चावल अलग-अलग क्षेत्र में अलग-अलग महोत्सव किए जाने का सुझाव दिया।
नियमित खेती की तरह अपनाएं उद्यान खेती
जिलाधिकारी ने कहा कि मुख्य रुप से बुन्देलखंड में उद्यान विभाग से जुड़ी बहुत सारी फसलें पैदा हो रहीं हैं। उसमें स्ट्रावेरी और दलहन व तिलहन समेत कई फसल है। साथ ही संतेरे की भी खेती हो रही है। आज इस प्रयोग के हिसाब से बुन्देलखंड में उद्यान से जुड़ी जितनी भी फसलें हैं। उनमें मुख्य रुप से स्ट्रॉवरी है। यहां पर पैदा की जा सकती है यह खबर हमें प्रचार-प्रसार करना है। यहां पर उद्यान विभाग से बहुत सारी जुड़ी विभिन्न योजनायें हैं। उन योजनाओं का भी प्रचार कर किसानों तक पहुंचाना है। बहुत सारी योजनायें ऐसी हैं जिसमें सरकार अपनी तरफ से अनुदान देती है जो किसानों के घर तक पहुंचाना बहुत जरुरी है। साथ ही किसानों को जागरुक करना भी बहुत जरुरी है। एक तरफ धान, गेहंू जैसी फसल रेग्यूलर है उसी प्रकार उद्यान से जुड़ी फसल को बढ़ावा देना भी जरुरी है। उसी के तहत स्टॉवरी फेस्टीवल के माध्यम से प्रयोग किया गया है। इस पर फसल को करने से किसानों को प्रति एकड़ ढाई लाख खर्च करना होगा। प्रतिवर्ष इसकी आय 12 लाख रुपए है।
ऐसे शुरु हुई झांसी में स्ट्राबेरी की खेती
स्ट्रॉबेरी की खेती करने वाले किसान हरजीत सिंह चावला ने बताया कि उसकी बेटी गुरलीन चावला पुणे में लॉ की पढ़ाई कर रही थी। लेकिन जब कोरोना महामारी ने बीते साल मार्च माह में देश में तेजी से पांव पसारे तो वह घर लौट आई। पिता हरजीत सिंह गार्डेनिंग के शौकीन हैं।
   उन्होंने अपनी छत पर कई तरह की सब्जियां और स्ट्रॉबेरी उगा रखी थी। बेटी गुरलीन ने देखा तो वह काफी खुश हुई। उसका ज्यादातर समय छत पर बने बागीचे में बीतने लगा। एक दिन गुरलीन ने अपने पिता से कहा कि आप मुझे अगर कुछ जमीन उपलब्ध करा सकें तो जो शुद्ध आॅर्गेंनिक सब्जियां हम खा रहे हैं। उसका लाभ मैं दूसरों तक भी पहुंचा सकती हूं। पिता हरजीत सिंह चावला ने बेटी का उत्साह बढ़ाया और उसके काम में सहयोग किया। वर्तमान में हरजीत और उनकी बेटी ने मिलकर डेढ़ एकड़ भूमि पर स्ट्रॉबेरी की खेती की है। जिस पर करीब तीन लाख रुपए का खर्चा आया। अनुमान है कि 10 हजार किलो का उत्पादन होगा। जिसका रेट बाजार 100 रुपए प्रति किलो है। हरजीत ने एक संस्था का भी गठन किया। जिसका नाम झाांसी आर्गेनिक है। करीब 6-7 माह की मेहनत और अथक प्रयासों के बाद बुंदेलखंड की माटी से पैदा हुई स्ट्रॉबेरी अब पूरे प्रदेश में अपनी धूम मचा रही है। और खास बात यह भी है कि यह पूरी तरह से आर्गेनिक भी है।
सभी प्रमुख होटलों में स्ट्रॉबेरी से बनाए जाएंगे 100 से अधिक व्यंजन
जब इसकी जानकारी जिलाधिकारी आंद्रा वामसी को हुई तो उन्होंने सांसद अनुराग शर्मा के सहयोग से महोत्सव मनाने का निर्णय लिया। अब झांसी के सभी प्रमुख होटल-रेस्टोरेंट व होम-बेकर्स फ्रेश स्ट्रॉबेरी से बनने वाले 100 से भी ज्यादा व्यंजन तैयार करेंगे। इस महोत्सव के जरिए प्रशासन का यह भी उद्देश्य है कि बुंदेलखंड के किसान स्ट्रॉबेरी की खेती में रुचि लें व इससे होने वाले लाभ को जानें और बुंदेलखंड के किसान भी आत्मनिर्भर व समृद्ध हों।
किसानों की आय के साथ बढ़ेगी समृद्धता
लखनऊ से आए अपर मुख्य सचिव मनोज सिंह ने भी किसान हरजीत सिंह के खेत पर स्ट्रॉबेरी की फसल को देखा। उन्होंने कहा कि सरकार इस तरह की फसल उगाने वाले किसानों को भरपूर साथ देगी। हर संभव मदद करेगी। झांसी जिले के अफसरों को आदेश दे दिए गए हैं कि ज्यादा से ज्यादा किसानों को ऑर्गेनिक खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। इस तरह की खेती से किसानों की आय भी बढ़ेगी, बुंदेलखंड का विकास भी होगा। उन्होंने कहा कि वैसे भी प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री किसानों की आय के प्रति लगातार चिंतित हैं।
इन्होंने भी रखे अपने विचार
वर्चुअल स्ट्रॉबेरी महोत्सव कार्यक्रम में कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, सांसद झांसी ललितपुर अनुराग शर्मा, अपर मुख्य सचिव उद्यान डॉक्टर मनोज कुमार, अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी, कुलपति बुंदेलखंड विश्वविद्यालय जेवी वैशंपायन, कुलपति महारानी लक्ष्मी बाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय अरविंद कुमार, मंडलायुक्त झांसी सुभाष चंद शर्मा ने भी अपने उद्गार प्रकट किए।
ये रहे उपस्थित
इस मौके पर विधायक सदर रवि शर्मा, विधायक बबीना राजीव सिंह पारीछा, विधायक गरौठा जवाहर लाल राजपूत, जिला अधिकारी आंद्रा वामसी, सीडीओ शैलेष कुमार, नगर आयुक्त अवनीश कुमार राय, गुरदीप चावला हैप्पी,गौरव गर्ग सहित बड़ी संख्या में विशिष्ट अतिथि गण, किसान और उद्यमी उपस्थित रहे।

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