नई दिल्ली, 07 सितंबर (हि.स.)। देश को 5 ट्रिलियन डॉलर (पांच हजार अरब डॉलर) की अर्थव्यवस्था बनाने में राज्यों को अपनी नितियों में संरचनात्मक बदलाव के साथ-साथ आर्थिक वृद्धि तेज करने की भूमिका निभानी होगी।
शनिवार को नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कांत ने पीएचडी चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि राज्यों को साथ मिलकर काम करना होगा। एक दूसरे से सीखना भी होगा, तब जाकर भारत का तेजी से विकास हो सकेगा। पीएचडीसीसीआई के कार्यक्रम में कांत ने कहा कि साल 2024 तक भारत को 5 हजार अरब डॉलर और 2030 तक 10,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
उन्होंने कहा कि हमारी चुनौती यह है कि भारत के लिए इस लक्ष्य को हासिल करना तब तक संभव नहीं होगा, जब तक कि राज्यों के पास अपनी जीडीपी को दोगुना और तिगुना करने का लक्ष्य नहीं होगा। इस काम के लिए उन्हें बड़े संरचनात्मक सुधार करने होंगे। साथ ही इन सुधारों को व्यापक रूप से विभिन्न क्षेत्रों में करना होगा।
कांत ने कहा कि कृषि और श्रम जैसे क्षेत्रों में संरचनात्मक सुधारों की जरूरत है। भारतीय अर्थव्यवस्था अभी अनुमानित 2,700 अरब डॉलर की है। सरकार ने भारत को 5 हजार अरब की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए कई उपायों और पहल की घोषणा की है। कांत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी इसके लिए ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।