राज्य सरकारें शराब की दुकानों से बिक्री के बजाय होम डिलीवरी पर विचार करें: सुप्रीम कोर्ट

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नई दिल्ली, 08 मई (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए राज्य सरकारें शराब की सीधी बिक्री की बजाय होम डिलीवरी जैसे उपाय पर विचार करें। जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली बेंच ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये हुई सुनवाई के बाद इस याचिका पर आदेश पारित करने से मना कर दिया। कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकारें विचार करें।
याचिका वकील अनिंदिता मित्रा ने दायर की थी। याचिकाकर्ता की ओर से वकील साईं दीपक ने शराब की दुकानों पर उमड़ी भीड़ का हवाला दिया था। इससे स्वास्थ्य को खतरे की बात कही गई थी। याचिका में कहा गया था कि गृह मंत्रालय को अपने दिशा-निर्देश में इस बात का स्पष्टीकरण करना चाहिए कि इस फैसले से आम आदमी पर कोई असर नहीं हो।
याचिका में मांग की गई थी कि शराब की बिक्री सीधे शराब की दुकानों से न की जाए, ताकि लोग सीधे संपर्क में नहीं आएं। अगर ऐसा नहीं किया गया तो कोरोना के संक्रमण का खतरा ज्यादा होगा। देश भर में 4 मई को जब शराब की दुकानें खोली गईं तो इन दुकानों के बाहर भीड़ एकत्र हो गई थी।

 


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