दस लाख लोगों पर काेरोना से 55 मौतें: डॉ. हर्ष वर्धन

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नई दिल्ली, 15 सितम्बर (हि.स.)। केन्द्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने मंगलवार को राज्यसभा में कोरोना की स्थिति व प्रंबधन पर बयान दिया। उन्होंने राज्यसभा में कहा कि विश्व के 215 देश इस महामारी से प्रभावित थे। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार विश्व में 2.79 करोड़ से अधिक मामले हैं और 9.05 लाख से अधिक मौतें हुई हैं, मामलों पर मृत्यु दर 3.2 प्रतिशत है।
उन्होंने कहा कि प्रति 10 लाख आबादी पर 3,328 मामले और प्रति 10 लाख आबादी पर 55 मौतें हुई, जोकि इसी प्रकार से प्रभावित देशों की तुलना में विश्व में न्यूनतम देशों में से एक है। महामारी विज्ञान के अनेक मानदंड जैसे कि प्रसार का माध्यम, उप-नैदानिक संक्रमण, वायरस के फैलाव (शेडिंग), प्रतिरोधक क्षमता की भूमिका आदि पर अभी अनुसंधान किया जा रहा है।
भारत में इस बीमारी के फैलाव के विस्तार के फलस्वरुप संक्रमण रोकने की व्यापक रणनीति पर आधारित अग्रसक्रिय, पूर्व निर्धारित, श्रेणीकृत, संपूर्ण सरकार, संपूर्ण समाज दृष्टिकोण से जानें बचाई गई और रोग का प्रभाव न्यूनतम किया गया। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने कोविड-19 की चुनौती को राजनीतिक प्रतिबद्धता के उच्चतम स्तर पर स्वीकार किया। भारत सरकार द्वारा समुदाय को सम्मिलित कर माननीय प्रधानमंत्री के आह्वान पर स्वयं लागू किए गए जनता कर्फ्यू की शुरुआत और राष्ट्रव्यापी पूर्णबंदी (लॉकडाउन) का साहसपूर्ण निर्णय वास्तव में कोविड-19 के प्रबंधन में सामूहिक शक्ति और कोविड के आक्रामक प्रसार को सफलतापूर्वक कम करने का प्रमाण है।
महामारी की शुरुआत के समय आवश्यक मानक के पीपीई का स्वदेशी विनिर्माण नहीं हो रहा था, जबकि अब हम इसमें आत्मनिर्भर हैं और इनका निर्यात भी कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य मंत्रालय उभरते परिदृश्य की लगातार समीक्षा कर रहा है। राज्यों के साथ नियमित रूप से वीडियो कॉन्फ्रेंस आयोजित की जा रही हैं। हमने राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों, स्वास्थ्य विभागों के अधिकारियों और जिला स्तर के अधिकारियों के साथ अब तक 63 वीडियो कॉन्फ्रेंस की हैं। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय को तकनीकी मुद्दों पर सलाह देने वाले स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक की अध्यक्षता में संयुक्त मॉनिटरिंग समूह की जोखिम, तैयारियों और कार्रवाई व्यवस्था की समीक्षा तथा तकनीकी दिशा-निर्देशों को अंतिम रूप देने के लिए अब तक 40 बैठकें हुई हैं। उन्होंने कहा कि उभरते परिदृश्य के साथ प्रयोगशाला नेटवर्क को लगातार मजबूत बनाया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि जनवरी में कोविड की जांच करने के लिए केवल एक प्रयोगशाला की स्थिति से लेकर अब कोविड-19 की जांच के लिए 1705 प्रयोगशालाएं हैं। दूरगम क्षेत्रों जैसे लद्दाख, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड और अन्य पूर्वोत्तर राज्य, लक्षद्वीप और अंडमान निकोबार द्वीपसमूह में भी प्रयोगशालाएं स्थापित की गई हैं। वर्तमान में प्रतिदिन 10 लाख नमूनों की जांच की जा रही है (प्रतिदिन 10 लाख की जनसंख्या पर 720 जांच), जो कि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित प्रतिदिन 10 लाख की जनसंख्या पर निर्धारित 140 जांच से कहीं अधिक है। कोविड की जांच मशीनों या प्रयोगशाला निदान के लिए कोई स्वदेशी विनिर्माता नहीं था, जबकि आज हमारे पास प्रतिदिन 10 लाख किट से अधिक बनाने की स्वदेशी क्षमता है।
12 सितम्बर, 2020 तक ऑक्सीजन की सुविधा बगैर 13,14,646 विशेष आइसोलेशन बिस्तर वाले 15,284 कोविड उपचार केन्द्र विकसित किए गए। इसके अलावा कुल 2,31,093 ऑक्सीजन सुविधा युक्त आइसोलेशन बिस्तर और 62,717 आईसीयू बिस्तर (32,575 वेंटीलेटर बिस्तर सहित) बनाए गए हैं। रोग की प्रवृत्ति पर लगातार नजर, उपलब्ध ढांचे का विश्लेषण और भविष्य के लिए पहले ही योजना से विकसित देशों के समक्ष आए प्रमुख संकट जैसी स्थिति को टाला गया है। इसके अलावा 5,98,811 बिस्तरों के साथ 12,826 क्वारंटीन सेंटर बनाए गए हैं।
उन्होंने बताया कि कोविड और गैर-कोविड स्वास्थ्य मुद्दों के गुणवत्तापूर्ण उपचार की दूर-दराज के इलाकों में उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए टेली-मेडिसिन के उपयोग को बड़े पैमाने पर बढ़ावा दिया जा रहा है। टेली-मेडिसिन के लिए वेब आधारित व्यापक ई-संजीवनी ऐप का इस्तेमाल 23 राज्यों में किया जा रहा है, ताकि दोनों ग्रामीण इलाकों और अलग-थलग समुदायों में विशेष स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं की पहुंच विस्तृत की जा सके। आईसीएमआर कोविड पर एक राष्ट्रीय क्लीनिकल रजिस्ट्री स्थापित कर रहा है, जो कोविड-19 के रोग के नैदानिक परिदृश्य, विस्तार और रोगियों के निष्कर्ष पर जानकारी प्रदान करेगा।

 


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