उप्र में स्टाम्प पत्र पूर्ण रूप से डिजिटल, स्टाम्प विभाग ने बड़ी उपलब्धि की हासिल
लखनऊ, 28 नवम्बर (हि.स.)। डिजिटल इंडिया के सपने को साकार करने की तरफ एक कदम और आगे बढ़ते हुए प्रदेश के स्टाम्प एवं निबंधन विभाग ने अब स्टाम्प ड्यूटी को एकत्र करने के साथ साथ स्टाम्प पत्रों को पूर्ण रूप से डिजिटल कर दिया है।
इस डिजिटल स्टाम्प पत्र को जारी करने में बैंकों की प्रौद्योगिकी प्रणाली को स्टाम्प विभाग के साथ एकीकृत किये जाने की मंजूरी स्टाम्प मंत्री ने देते हुए उससे एक मील का पत्थर बताया है।
स्टाम्प एवं निबंधन मंत्री रवींद्र जायसवाल ने कहा कि इस डिजिटल स्टाम्प पत्र के जरिए ऋणों के डॉक्यूमेंटेशन में सुविधा होगी। इस सुविधा से बैंक से ऋण प्राप्त करने की प्रक्रिया में ना सिर्फ तेजी आएगी बल्कि यह सुरक्षित भी है। इससे जहां एक तरफ अर्थव्यवस्था में तरलता का प्रवाह बढेगा और अर्थव्यवस्था में तेजी के साथ साथ रोजगार में वृद्धि होगी वही इससे राज्यों का राजस्व भी बढ़ेगा।
डिजिटल स्टाम्प पत्रों की मदद से बैंकों से लिये जाने वाले ऋणों की प्रक्रिया को पेपरलेस किया गया है, जिसमें बैंक डिजिटल सिग्नेचर के माध्यम से और ग्राहक अपने आधार संख्या के माध्यम से ऋण अनुबंधों और अन्य प्रपत्रों पर हस्ताक्षर कर सकते हैं। इस पोर्टल के माध्यम से निष्पादित दस्तावेजों को कभी भी देखा और डाउनलोड किया जा सकता है। इससे ग्राहक की प्रमाणिकता सुनिश्चित होगी तथा डिजिटल रूप से निष्पादित दस्तावेजों को संभालना भी अत्यंत सुविधाजनक होगा।
आने वाले कुछ समय में ग्राहक इस ऋण पत्र को अपने डिजिटल लाकर से भी सीधे डाउनलोड कर इसकी प्रमाणित प्रति सीधे किसी भी विभाग और व्यक्तियों को भेज सकते हैं। उत्तर प्रदेश प्रारंभ डिजिटल स्टाम्प पत्र जारी करने वाला दूसरा राज्य हो गया है और देश का सबसे बड़ा राज्य है। अब तक इस डिजिटल स्टांपिंग से 19 बैंकों को एकीकृत किया गया है जो अपने राज्य भर में फैले सैकड़ों ब्रांच की मदद से जन सामान्य को डिजिटल स्टाम्प पत्रों को जारी कर सकेंगे। आने वाले समय में बैंकों और ब्रांचों को जन सामान्य की सुविधा के लिए बढ़ाने का आश्वासन स्टाम्प एवं निबंधन मंत्री ने दिया।