स्टालिन:हमने वादा किया है ईमानदार व पारदर्शी शासन देने का

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तमिलनाडु का खोया हुआ गौरव वापस लाना है- एमके स्टालिन



नई दिल्ली, 23 मार्च (हि.स.) तमिलनाडु का सियासी पारा गर्म है। सूबे में छह अप्रैल को विधानसभा चुनाव के लिए वोट डाले जाएंगे। इस बार के चुनाव में न तो जयललिता हैं, न ही एम. करुणानिधि। सूबे की राजनीति इनके बगैर नयी  करवट ले रही है। इसी संदर्भ में करुणानिधि के बेटे एम. के. स्टालिन से खास बातचीत की है। यहां प्रस्तुत है बातचीत के खास अंश।

सवाल- द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक) तमिलनाडु के चुनाव में भ्रष्टाचार और नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को मुद्दा बना रही है। क्या सचमुच यह मुद्दा है और राज्य के लोग आपको इस आधार पर वोट करेंगे? वो भी तब जबकि भ्रष्टाचार के कई मामले आपकी पार्टी के नेताओं पर भी चल रहे हैं?

जवाब- हमारे घोषणा पत्र (मैनिफेस्टो) को आप देखेंगे तो यह बात पता चलेगी कि हम भ्रष्टाचार और सीएए कानून का विरोध कर रहे हैं। इसके साथ हमारे चुनावी वादों में 503 बिंदु हैं। पिछले 10 साल में ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (अन्नाद्रमुक) की सरकार हर मोर्चे पर विफल साबित हुई है। वह चाहे रुका हुआ औद्योगिक विकास का मुद्दा हो या इन्वेस्टर्स मीट की विफलता का। वहीं तमिलनाडु का राजकोषीय घाटा 5.7 लाख करोड़ रुपये का हो गया है। राज्य का आर्थिक विकास पूरी तरह से पटरी से उतर चुका है। वर्तमान सरकार का उद्देश्य सिर्फ दलाली, जमाखोरी और भ्रष्टाचार है। मुख्यमंत्री समेत पूरा मंत्रिमंडल ही भ्रष्टाचार में लिप्त है। हमारे मैनिफेस्टो को लोगों ने अपनाया है। द्रमुक भारी बहुमत से जीतने वाली है। हम सभी 234 सीटें जीतने वाले हैं। हमने दस साल के लिए अपना विजन जारी किया है, जिसमें “स्टालिन के सात आश्वासन” और तमिलनाडु के ‘खोये हुए गौरव को वापस लाना’ शामिल किया गया है।

सवाल- तमिलनाडु में द्रमुक हो या फिर अन्नाद्रमुक, दोनों ही पार्टियों ने महिला वोटरों को लुभाने के लिए वॉशिंग मशीन सहित कई चीजें मुफ्त में देने की घोषणा की है।  तमिलनाडु में महिला वोटरों के सामने क्या यही चुनौतियां हैं?

जवाब- मौजूदा सरकार को अपने 10 साल के कामकाज को लेकर आगे आना चाहिए था, लेकिन वे फिर से नए चुनावी घोषणाओं के साथ  मैदान में है। कोरोना काल में पेट्रोल और डीजल की कीमतों को कम करने में सरकार विफल रही। पिछले 10 साल में दूध की कीमतों में 20 रुपये से अधिक की बढ़ोतरी हुई है। अब दो रुपये घटाने का वादा किया जा रहा है। गैस सिलिंडर के दाम आसमान छू रहे हैं। इन सबके बावजूद केन्द्र सरकार की निंदा करने की जगह सरकार का समर्थन करते रहे। अब लोगों को छह गैस सिलिंडर मुफ्त देने की घोषऩा कर रहे हैं। चुनावों के मद्देनजर अब वे लोगों को मुफ्त चीजें देने की घोषणा कर रहे हैं। पिछले दस साल में उन्हें जो करना चाहिए था, वह नहीं किया। अब लोगों को छलना चाहते हैं, लेकिन वे अपने मनसूबे में सफल नहीं होंगे।

सवाल- महिलाओं को लेकर आपकी क्या नीति है?

जवाब- हम यह मानते हैं कि राज्य के विकास में महिलाओं को सबसे आगे होना चाहिए। द्रमुक वह पार्टी है, जो हमेशा से महिलाओं के अधिकार और सम्मान की बात करती है। 30 प्रतिशत सरकारी नौकरियों में आरक्षण, स्थानीय निकायों में 33 प्रतिशत आरक्षण और महिलाओं को समान संपत्ति का अधिकार केवल द्रमुक द्वारा दिया गया है। इसलिए मेनिफेस्टो में महिलाओं के सामाजिक, शैक्षिक, आर्थिक विकास और उन्नति हम चाहते हैं। महिलाओं को अपने पैरों पर खड़ा करना और आत्मनिर्भर बनना जरूरी है, इसलिए हमने पहले सेल्फ हेल्प ग्रुप बनाए। महिलाओं को आश्वस्त करते हैं कि महिला प्रधान घरों में प्रति माह 1000 रुपये दिए जाएंगे।

दूसरी बात यह कि मौजूदा सरकार में महिलाओं के खिलाफ अपराध में बढ़ोतरी हुई है। सरकार अपनी ही महिला आईपीएस अधिकारी को न्याय नहीं दिल पा रही है। मुख्यमंत्री पलानीस्वामी जिनके पास राज्य की सुरक्षा का जिम्मा भी है, वे यौन उत्पीड़न में लिप्त अधिकारी को बचाने में लगे हुए हैं। महिलाओं का भरोसा अन्नाद्रमुक से उठ चुका है।

सवाल- इस बार चुनाव के चुनाव में जयललिता और करुणानिधि सूबे के दोनों कद्दावर नेता नहीं हैं। इनके निधन के बाद प्रदेश की सियासत काफी बदल गई है। एम. करुणानिधि के बिना आपका यह पहला विधानसभा चुनाव है। उन्होंने द्रविड़ आंदोलन को प्रदेश में मुख्य मुद्दा बनाया। आप क्या इस मुद्दे को अगले स्तर पर ले जाएंगे और इसे चुनावी मुद्दा बनाएंगे?

जवाब- द्रविड़ आंदोलन केवल चुनावी मद्दा नहीं है। यह मुद्दा लोकतंत्र, सामाजिक न्याय, धर्मनिरपेक्षता की वकालत करता है। द्रविड़ आंदोलन पंथ, जाति, धर्म से ऊपर उठकर सभी वर्गों के लोगों के उत्थान की बात करता है, समानता की बात करता है। 100 साल पुराने आंदोलन को तमिलनाडु के लोग आगे बढ़ा रहे हैं। यह आंदोलन तमिलनाडु के लोगों के दिल व आत्मा में बसता है। आंदोलन युवा पीढ़ी के दिलों में धड़कता है। इस आंदोलन को प्रभावी ढंग से और विजयी रूप से आगे बढ़ाया जाएगा। इस बात में कोई संदेह नहीं है। मैं बहुत दुखी हूं कि मेरे नेता और संरक्षक डॉ. एम करुणानिधि मेरे साथ नहीं हैं। लेकिन मेरे अंदर उन्होंने आत्मविश्वास भरा है कि मैं विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करूं। वे हमारी पार्टी के सभी कार्यकर्ता के मन में भी बसते हैं और हमेशा हमारा मार्गदर्शन करते हैं। हमने उनके मार्ग-दर्शन के कारण ही साल 2019 के लोकसभा चुनाव में 39 सीटों में से 38 सीटों पर जीत हासिल की। वे हमेशा हमारे बीच मार्गदर्शक की भूमिका में सभी के दिलों में जिंदा रहेंगे। इस जीत को अब हमें आगे ले जाना है और विधानसभा की सभी 234 सीटों पर जीत दर्ज करनी है।

सवाल- लोकसभा चुनाव की जीत से द्रमुक का आत्मविश्वास बढ़ा हुआ है। लेकिन, आप क्या मानते हैं, तमिलनाडु की जनता इस बार आपको  वोट करेगी?

जवाब-अन्नाद्रमुक के कुशासन के कारण तमिलनाडु की जनता की आंखों में आंसू हैं। तमिलनाडु का हर किसान, मजदूर, व्यापारी, महिलाएं, सरकारी कर्मचारी, शिक्षक को मौजूदा सरकार के कुशासन का सामना करना पड़ रहा है। राज्य में व्याप्त भ्रष्टाचार से तमिलनाडु को इसके सबसे खराब दौर में धकेल दिया गया है। द्रमुक के शासन काल में औद्योगिक विकास का सुनहरा दौर था, लेकिन साल 2011 से राज्य का विकास रुक गया है। राज्य पर भारी कर्ज का बोझ सरकार ने  छोड़ा है। पिछले दस वर्षों में अन्नाद्रमुक ने विकास को नष्ट कर दिया है। अन्नाद्रमुक से त्रस्त तमिलनाडु के लोग अब हमारे साथ और हमारी ताकत हैं। इसके अलावा सहयोगी दल भी हमारी ताकत हैं। हमारा चुनाव घोषणा-पत्र सबसे बड़ी ताकत है। हम जीतेंगे और सरकार बनाएंगे। जाति, पंथ और धर्म के परे एक ईमानदार पारदर्शी शासन देने का भरोसा द्रमुक ने लोगों के दिलों में जगाया है।

 


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