लखनऊ, 06 जनवरी (हि.स.)। गौतमबुद्धनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक वैभव कृष्ण द्वारा पांच आईपीएस अफसरों अजयपाल शर्मा, सुधीर सिंह, हिमांशु कुमार, राजीव नारायण मिश्रा तथा गणेश साहा पर शासन-प्रशासन में रसूखदार लोगों के साथ ट्रान्सफर-पोस्टिंग का धंधा चलाये जाने के आरोपों के संबंध में सोमवार को लोकायुक्त कार्यालय में शिकायत की गई है।
शिकायतकर्ता आरटीआई एक्टिविस्ट डॉ. नूतन ठाकुर ने इसमें कहा कि वैभव कृष्ण पर जिस प्रकार के आरोप लगे तथा उनके द्वारा अन्य आईपीएस अफसर सहित पीसीएस अफसर रजनीश एवं गुलशन कुमार, मुख्य सचिव कार्यालय के मीडिया निदेशक दिवाकर खरे तथा अन्य अधीनस्थ पुलिस अफसरों पर अत्यंत गंभीर आरोप लगाये गए, उनकी तत्काल जांच अत्यंत आवश्यक थी। इसके विपरीत किसी भी अधिकारी ने इन शिकायतों को गंभीरता से नहीं लिया तथा वैभव कृष्ण के पत्र महीनों से लंबित हैं।
डॉ. नूतन ठाकुर ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस प्रकरण की सीबीआई जांच की मांग की थी, लेकिन अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी तथा पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह की प्रेस कांफ्रेंस से यह साफ हो गया है कि इस प्रकरण में निष्पक्ष जांच की जगह लीपापोती का प्रयास किया जा रहा है। जहां वरिष्ठ अफसरों को तत्काल मामले को संज्ञान में लेते हुए खुली एवं निष्पक्ष जांच करानी चाहिए थी, वहीं उनके द्वारा इस संबंध में पूरी तरह गोलमोल जवाब दिया गया है।
डॉ. नूतन ने लोकायुक्त से अपील की है कि इन स्थितियों में उनके पास अब इस प्रकरण को लोकायुक्त के सामने ले जाने के अतिरिक्त अन्य कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने लोकायुक्त से वैभव कृष्ण के विरुद्ध लगे आरोपों तथा उनके द्वारा अन्य अफसरों पर लगे आरोपों की अपने स्तर पर निष्पक्ष जांच किये जाने की गुजारिश की है।