मुंबई, 26 नवम्बर (हि.स.)। देवेंद्र फडणवीस के इस्तीफा देने के बाद महाराष्ट्र में शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठबंधन की नई सरकार बनाने की कसरत तेज कर दी गई है। शिवसेना प्रवक्ता संजय राऊत ने बताया कि शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बनने के लिए राजी हो गए हैं। सरकार बनाने के लिए तीनों समर्थक दल के नेताओं के बीच चर्चा चल रही है। जल्द ही शिवसेना-राकांपा व कांग्रेस के नेता राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे। उधर, भाजपा विधायक कालिदास कोलम्बकर ने मुंबई के राजभवन में प्रोटेम स्पीकर के रूप में शपथ ली। उन्हें राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने शपथ दिलाई।
देवेंद्र फडणवीस व उपमुख्यमंत्री ने दिया इस्तीफा
राज्य में तेजी से बनते-बिगड़ते राजनीतिक समीकरण को देखते हुए देवेंद्र फडणवीस ने आज शाम मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। फडणवीस ने राज्य में भाजपा नीत सरकार न बनने का ठीकरा शिवसेना पर फोड़ते हुए कहा कि शिवसेना ने जनादेश का आदर नहीं किया। फडणवीस ने कहा कि वह राज्य किसी भी तरह विधायकों की खरीद फरोख्त कर सरकार नहीं बनाना चाहते थे। राकांपा विधायक दल के नेता अजित पवार ने राज्य में सरकार बनाने के लिए उनसे संपर्क किया था। इसी वजह से उन्होंने राज्य में सरकार बनाई थी लेकिन जब अजित पवार ने उन्हें उपमुख्यमंत्री पद का इस्तीफा दे दिया तो उन्होंने भी मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने का निर्णय ले लिया। इस तरह शनिवार को सुबह 8 बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले देवेंद्र फडणवीस को सिर्फ 80 घंटे बाद मंगलवार को 4 बजे इस्तीफा देना पड़ा। इस तरह राज्य में सबसे कम कार्यकाल 80 घंटे तक मुख्यमंत्री रहने का रिकार्ड देवेंद्र फडणवीस के नाम जुड़ गया है।
अजित पवार आखिर माने काकी की बात, दिया इस्तीफ़ा
महाराष्ट्र की राजनीति में उछाल लाने वाले अजित पवार तत्काल निर्णय लेने के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने शुक्रवार को देवेंद्र फडणवीस से मिलकर राज्य में सरकार बनाने की इच्छा जताई थी। इसके बाद शुक्रवार को ही रात 12 बजे राजभवन जाकर राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी के सामने राकांपा के 54 विधायकों के हस्ताक्षर का पत्र पेश किया था। इसी पत्र को देखते हुए राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी ने रातों रात राज्य में लगे राष्ट्रपति शासन को हटाने का फैसला किया। शनिवार को 5 बजकर 57 मिनट पर राज्य से राष्ट्रपति शासन हटने के बाद कोश्यारी ने शनिवार को सुबह देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री व अजित पवार को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ दिला दी। अजित पवार के इस निर्णय ने राकांपा नेताओं की नींद उड़ा दी। राकांपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार को अजित पवार का फैसला नागवार गुजरा और उन्होंने तत्काल पार्टी के विधायक दल की बैठक बुलाकर अजित पवार का विधायक दल के नेता पद से हटाकर जयंत पाटील को राकांपा विधायक दल का अध्यक्ष बना दिया। इसके बाद भी अजित पवार को मनाने का प्रयास जारी था। इसके लिए मंगलवार को सुबह मुंबई के ट्राईडेंट होटल में शरद पवार के दामाद सदाशिव सुले अजित पवार से मिले थे। इसके बाद शरद पवार की पत्नी प्रतिभाताई पवार ने अजित पवार को फोन कर उपमुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने को कहा। बताया जा रहा है कि अजित पवार अपनी काकी प्रतिभाताई पवार की मां की तरह इज्जत करते हैं और उनकी बात टाल ही नहीं सकते। इसी वजह से अजित पवार ने आज अपना इस्तीफा देवेंद्र फडणवीस को सौंप दिया।
और इस तरह खत्म हुआ सियासी चालों का खेल
अजित पवार के इस्तीफे से पहले महाराष्ट्र में सरकार बनाने व गिराने को लेकर भाजपा व शिवसेना के बीच जोरदार सियासी खेल चल रहा था। एक तरफ महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील ने पत्रकार वार्ता करके भाजपा को पूर्ण बहुमत होने का दावा किया था तो दूसरी ओर शिवसेना प्रवक्ता संजय राऊत ने भी पत्रकार वार्ता करके शिवसेना-राकांपा व कांग्रेस व अन्य विधायकों सहित 162 विधायकों का समर्थन होने की बात कही थी।भाजपा नेता व पूर्व मंत्री आशीश सेलार ने शिवसेना प्रवक्ता संजय राऊत के दावे को झूठा बताते हुए कहा था कि शिवसेना, राकांपा व कांग्रेस के पास 145 से भी कम विधायक हैं लेकिन सोमवार की रात को मुंबई के होटल हयात ग्रैंड में 162 विधायकों की परेड कराकर शक्ति प्रदर्शन भी किया गया। इसी के बाद आज दोपहर अजित पवार के इस्तीफे के बाद यह सियासी खेल अपने आप खत्म हो गया।
बालासाहेब थोरात बने कांग्रेस विधायक दल नेता
इसी घटनाक्रम के बीच मंगलवार को कांग्रेस विधायक दल के नेता के रूप में वरिष्ठ विधायक बालासाहेब थोरात का भी चयन कर लिया गया। इसकी घोषणा मुंबई के एक होटल में कांग्रेस पार्टी के विधायकों की बैठक में महाराष्ट्र कांग्रेस प्रभारी मल्लिकार्जुन खड़गे ने की। बालासाहेब थोरात के नाम पर होटल में मौजूद सभी 44 विधायकों ने मंजूरी दी। इससे पहले विधायक दल की बैठक में सभी 44 विधायकों ने विधायक दल का नेता चुने जाने के लिए कांग्रेस पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी को अधिकृत किए जाने का प्रस्ताव पारित किया था। इसी वजह से सोनिया गांधी ने बालासाहेब के नाम का चयन करके अपना निर्णय कांग्रेस प्रदेश प्रभारी खड़गे के माध्यम से कांग्रेस विधायक दल की बैठक तक पहुंचाया था।
कालीदास कोलंबकर बने प्रोटेम स्पीकर
राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी ने मंगलवार को भाजपा विधायक कालीदास कोलंबकर को प्रोटेम स्पीकर पद की शपथ दिलाई। कालीदास कोलंबकर वडाला विधानसभा से लगातार 7 बार चुने गए हैं। राज्यपाल ने बुधवार को सुबह आठ बजे विधानसभा का सत्र बुलाया है जिसमें कोलंबकर राज्य के सभी नवनिर्वाचित विधायकों को पद व गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे। इसके बाद कोलंबकर की ही अध्यक्षता में विधानसभा अध्यक्ष पद का भी चुनाव करवाया जायेगा।