श्रीलंका के प्रधानमंत्री ने अस्सी घाट पर देखी बनारस की सुबह और गंगा आरती

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पूरे आस्था के साथ किया गंगा पूजन, पर्यटन राज्यमंत्री ने किया स्वागत



वाराणसी, 10 फरवरी (हि.स.)। श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे नेे वाराणसी दौरे के दूसरे और अन्तिम दिन सोमवार को अस्सीघाट पर सूर्योदय की लालिमा में घाट पर शंख ध्वनि के बीच घंटे और घड़ियाल की आवाज, वैदिक मंत्रोच्चार के बीच बटुकों की गंगा आरती देखकर अभिभूत हो गये।
खास बात यह रही कि प्रधानमंत्री राजपक्षे ने वैदिक मंत्रोंच्चार के बीच पूरे आस्था के साथ गंगा की पूजा कर अभिषेक भी किया। मां गंगा से श्रीलंका में सुख-शान्ति की कामना की। घाट पर प्रदेश के पर्यटन धर्मार्थ एवं संस्कृति मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डाॅ. नीलकंठ तिवारी ने भारत सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर मेहमान प्रधानमंत्री का गर्मजोशी से स्वागत किया। साथ ही सम्मान स्वरूप अंगवस्त्रम और प्रतीक चिंह भेंट किया।
इसके बाद प्रधानमंत्री राजपक्षे कड़ी सुरक्षा के बीच बाबतपुर एयरपोर्ट से विशेष विमान के जरिए दिल्ली रवाना हो गये। इस दौरान अस्सीघाट पर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम हुए थे। भोर से ही सुरक्षा कर्मी घाट और उस ओर आने-जाने वाले मार्गों पर मुस्तैद रहे। गंगा में भी एनडीआरएफ और जल पुलिस ने मोर्चा संभाल लिया। आम लोगों को घाट पर आने से रोक दिया गया था।
उल्लेखनीय है कि पांच दिवसीय भारत दौरे पर आये श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे रविवार को वाराणसी आये थे। दो दिवसीय प्रवास के पहले दिन प्रधानमंत्री ने बाबा विश्वनाथ और काशी के कोतवाल कालभैरव के दर्शन पूजन किए। शाम को प्रधानमंत्री भगवान बुद्ध की प्रथम उपदेश स्थली सारनाथ भी गये।  सारनाथ में भ्रमण के दौरान उन्‍होंने संग्रहालय, खंडहर परिसर देखने के बाद धमेख स्तूप की परिक्रमा की। मूलगंध कुटी विहार बौद्ध मंदिर में जाकर भगवान बुद्ध की पूजा अर्चना की थी।

 


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