नई दिल्ली, 06 अक्टूबर (हि.स.)। भारतीय वायुसेना ने स्क्वाड्रन लीडर रवि खन्ना के नाम को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर दर्ज किया गया है। शहीद रवि खन्ना 1990 में अलगाववादी नेता यासीन मलिक के नेतृत्व में चल रहे जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के हमले में मारे गए थे। उनकी पत्नी निर्मल खन्ना ने सेना और सरकार के इस फैसले पर खुशी जाहिर की है।
भारतीय वायुसेना के सूत्रों के अनुसार वायुसेना मुख्यालय द्वारा मोहर लगने के बाद उनका नाम राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में दर्ज करने का फैसला पिछले सप्ताह लिया गया है। शहीद जवानों का नाम देश सेवा में किए गए उनके योगदान के विवरण के साथ राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर अंकित किया जाता है।
प्रतिबंधित जम्मू- कश्मीर लिबरेशन फ्रंट द्वारा 25 जनवरी, 1990 को भारतीय वायुसेना पर किए गए हमले में चार जवानों की मौत हुई थी। इसमें स्क्वाड्रन लीडर रवि खन्ना भी थे। उनके साथ शहीद हुए बाकी तीन जवानों का नाम पहले से ही राष्ट्रीय स्मारक में शामिल किया गया है लेकिन उनका नाम किन्ही कारणों से छूट गया था।
यासीन मलिक वर्तमान में आतंकी फंडिंग से जुड़े मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी की कार्रवाई के बाद तिहाड़ जेल में कैद हैं।
शहीद वायुसेना अधिकारी की पत्नी निर्मल खन्ना ने अपने पति को मिले सम्मान पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि 30 साल बाद न्याय हुआ है। 30 सालों तक हुकूमतें सोई रहीं और उनकी कोई खोज खबर नहीं ली गई। निर्मल खन्ना ने कहा कि देश के लिए प्राण न्योछावर करने वाला सेना का जवान केवल यही चाहता है कि देश उसके बलिदान को याद रखे। उन्होंने कहा कि शहीद की पत्नी के रूप में पेंशन हासिल करने के लिए भी उन्हें वर्षों तक जद्दोजहद करनी पड़ी। पति की वीरगति के 6 वर्ष बाद न्यायालय के फैसले से उन्हें वर्ष 1996 में पेंशन मिलनी शुरू हुई।
निर्मल खन्ना ने अपने पति को मिले सम्मान के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, पूर्व वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ और देशवासियों के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि जब सत्ता के गलियारों में उनकी गुहार कोई नहीं सुन रहा था उस समय मीडिया ने उनकी आवाज को उजागर किया और उन्हें न्याय मिल सका।