लॉस-एंजेल्स, 03 जून (हि.स.)। अमेरिका में अस्थायी वीज़ा-एच 1-बी, एच-1 अथवा जे-1 आदि पर सुनहरे सपने संजोने वाले आव्रजकों और उन पर निर्भर स्पाउस के एच-4 वीजा धारकों के लिए आने वाले दिन और संघर्षपूर्ण हो सकते हैं।
इस श्रेणी में सबसे ज़्यादा आव्रजक भारत के हैं, जिनकी ग्रीन कार्ड अथवा स्थायी निवासी की प्रतीक्षा सूची आठ लाख से भी अधिक होने और प्रति वर्ष प्रत्येक देश को दो प्रतिशत कोटा निर्धारण में संशोधन नहीं होने के कारण सूची लंबी होती जा रही है। इन दोनों ही मामलों में सिलिकन वैली के टेक कर्मियों के आग्रह पर जन प्रतिनिधियों ने सीनेट और प्रतिनिधि सभा में प्रस्ताव पेश किए हैं, लेकिन पर्याप्त लाबिंग के अभाव में कोई भी प्रस्ताव सिरे नहीं चढ़ पाया है।
ऐसी स्थिति में व्हाइट हाउस के बजट विभाग के तहत इंफोरमेशन और रेगुलेशन मामलों के ऑफिस की ओर से 20 जून तक कोई पुख़्ता निर्णय नहीं लिया जाता है, तो स्पाउस के एच -4 वीज़ा पर रोज़गार के अधिकार को समाप्त किए जाने की आशंकाएं बढ़ सकती हैं।
पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल में स्पाउस को रोजगार का अधिकार 25 फ़रवरी, 2015 में लागू किया गया था। स्पाउस वीज़ा एच-4 के तहत करीब एक लाख भारतीय स्पाउस महिलाओ को रोजगार का अधिकार दिया गया था। इस पर अमेरिकी सिविल राइट संगठन की ओर से यह कह कर विरोध किया जाता रहा है कि एच 1-बी पर निर्भर स्पाउस को रोज़गार दिए जाने से अमेरिकी महिलाओं और पुरुषों को रोज़गार के लिए ख़ामियाज़ा भुगतना पड़ रहा है।
इन सभी मुद्दों को लेकर इंफोरमेशन और रेगुलेशन आफिस की ओर से सार्वजनिक तौर पर एक प्रारूप जारी किया जाएगा जिसमें लोगों से उनकी प्रतिक्रियाएं ली जाएंगी। इसके लिए मौजूदा अधिनियम के अनुसार 30 से 60 दिन का समय दिए जाने का प्रावधान है। इसके पश्चात ही इसे फ़ेडरल रजिस्टर में दर्ज किया जा सकेगा।
इस विभाग के प्रमुख निदेशक एल॰ फ़्रांसिस्को इसना, जो एस -4 स्पाउस को रोज़गार का अधिकार दिए जाने के हिमायती थे, इसी एक जून से अपने पद से अवकाश लेकर जा चुके हैं। उनके स्थान पर वर्जीनिया के पूर्व अटार्नी जनरल केन चक्किनेल्लि पदासीन हो रहे है, जो सिद्धांत: एस-4 वीज़ा धारकों को रोज़गार का अधिकार दिए जाने के खिलाफ हैं।
सिलिकन वैली में टेक कंपनियों के प्रयासों से समय-समय पर एच-4 एम्पलाइमेंट प्रोटेक्शन एक्ट के अंतर्गत राहत दिलाए जाने के लिए कांग्रेस में प्रस्ताव भी पेश किए गए हैं, लेकिन संशोधन की गुंजाइश नज़र नहीं आती।