राष्ट्रमंडल खेलों से हॉकी इंडिया के हटने के फैसले से नाखुश खेल मंत्री, कहा- सरकार से चर्चा करनी चाहिए
नई दिल्ली, 10 अक्टूबर (हि.स.)। बर्मिंघम में अगले साल होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों से हॉकी इंडिया के हटने के फैसले से केन्द्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर नाखुश हैं। उन्होंने फैसले पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा है कि उन्हें पहले सरकार से चर्चा करनी चाहिए।
रविवार को मीडिया से बात करते हुए खेल मंत्री ने कहा कि किसी भी एसोसिएशन या फेडेरेशन को ऐसे बयान देने से बचना चाहिए और सरकार से चर्चा करनी चाहिए, डिपार्टमेंट से चर्चा करनी चाहिए। क्योंकि केवल एक फेडरेशन की टीम नहीं जा रही है, देश की टीम जा रही है। 130 करोड़ के देश में मात्र 18 खिलाड़ी ही नहीं हैं जो देश का प्रतिनिधित्व करते हैं। यह एक अवसर होता है दुनिया भर के ग्लोबल इवेंट में भाग लेने के लिए। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि उन्हें खेल मंत्रालय के साथ बात करनी चाहिए, निर्णय सरकार को करना है।
खेल मंत्री ने क्रिकेट से हॉकी की तुलना करते हुए कहा कि हॉकी जैसे लोकप्रिय खेल में प्रतिभा की कमी नहीं है। अगर हम क्रिकेट में देखते हैं तो अभी आईपीएल चल रहा है फिर वर्ल्ड कप है। अगर वो खेल सकते हैं तो एशियन गेम्स और राष्ट्रमंडल खेलों में क्यों नहीं। खेल मंत्री ने कहा कि भारत की टीम कहां पर प्रतिनिधित्व करे यह केवल फेडरेशन तक सीमित नहीं है, यह भारत को और भारत की सरकार को भी तय करना है।
उल्लेखनीय है कि हॉकी इंडिया ने बर्मिंघम में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों से हटने का फैसला किया है। राष्ट्रमंडल खेलों से हटने के निर्णय के बारे में हॉकी इंडिया के अध्यक्ष ज्ञानेंद्र निंगोमबम ने कहा था कि एशियाई खेल 2022 निश्चित रूप से हमारे लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण टूर्नामेंट है क्योंकि यह पेरिस ओलंपिक 2024 के लिए एक महाद्वीपीय योग्यता टूर्नामेंट है। भारतीय पुरुष और महिला टीमों को अपने श्रेष्ठतम स्तर पर खेलना है और इसलिए हमारे लिए राष्ट्रमंडल खेलों 2022 से हटना महत्वपूर्ण था, जो एशियाई खेलों 2022 से ठीक पहले आयोजित किया जा रहा है।