गया, 28 जून।देश के चुंनिदा राजनेताओं की सुरक्षा में तैनात नेशनल सिक्योरिटी गार्ड्स(एनएसजी) का निकटम सुरक्षा घेरा बिहार के किसी भी राजनेता को प्राप्त नहीं है।
पिछले दो साल से एसपीजी की तर्ज पर एनएसजी अपने चयनित कमांडो के प्रशिक्षण में आधुनिक तकनीक और विश्व के अत्याधुनिक हथियारों के इस्तेमाल का प्रशिक्षण दे रहा है।इससे कमांडो के प्रशिक्षण, चाल और प्रकिया में व्यापक परिवर्तन आया है।
प्नरधानमंत्री नरेंद्न मोदी केपहले कार्यकाल में बिहार कैडर के आईपीएस शालीन एसपीजी में एसपी थे।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निकटतम सुरक्षा घेरे की कमान संभाल चुके शालीन को एनएसजी भेजा गया। शालीन ने एनएसजी की तर्ज पर कमांडो प्रशिक्षण का सत्र प्रारंभ किया।इसके बाद अर्ध सैनिक बल एवं राज्य पुलिस से चयनित सुरक्षाकर्मियों में से एक तिहाई के करीब कमांडो प्रशिक्षण पूरा करने में सफल हुए।
एनएसजी के दो विंग हैं।एक काउंटर टेरेरिस्ट और दूसरा अति वीवीआईपी सुरक्षा।जो किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए सझम है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, यूपी के पूर्व सीएम मायावती, अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव के अतिरिक्त असम के मुख्यमंत्री एवं कई अन्य वीवीआईपी को एनएसजी कमांडो का सुरक्षा कवच प्राप्त है।
बिहार में महाबोधि मंदिर, राजभवन,विधानमंडल, तख्त हरमंदिर साहिब, अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, अतिव्यस्त रेलवे स्टेशन एवं अन्य प्रमुख स्थल आतंकवादी संगठनों के निशाने पर हो सकते हैं।महाबोधि मंदिर इसका उदाहरण रहा है।बुधवार को महाबोधि मंदिर परिसर में आतंकी हमले को लेकर एनएसजी कमांडो का “मौक ड्रील” हो चुका है।
वीवीआईपी सुरक्षा विंग के उप महानिरीक्षक शालीन ने पूछे जाने पर बताया कि एक दर्जन से अधिक अति वीवीआईपी की सुरक्षा की जिम्मेवारी एनएसजी पर है।डीआईजी शालीन के बताया कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को पूर्व में एनएसजी सुरक्षा कवर मिला हुआ था।आज की तारीख मे बिहार के किसी भी वीवीआईपी को एनएसजी सुरक्षा कवर प्राप्त नहीं है।
डीआईजी शालीन के अनुसार एनएसजी कमांडो वीवीआईपी को निकटतम सुरक्षा कवर देता है।उसके बाद कई स्तर के सुरक्षा घेरे ,मूवमेंट्स और अन्य व्यवस्था के लिए राज्य पुलिस की जिम्मेवारी है।