रायबरेली, 10 जून (हि.स.)। योग अब बड़े शहरों तक ही सीमित नहीं रह गया है। गांवों की छुपी प्रतिभाओ ने भी इसमें अपने जौहर दिखाने शुरू कर दिये हैं। ऐसे ही रायबरेली के एक गांव की एक मजदूर की बेटी ने कमाल करते हुए योग में अपने परचम लहराया है। सरेनी के लालपुर की रहने वाली महिमा गांव के ही प्राथमिक विद्यालय की छात्रा है। उसके पिता बुद्धिलाल मजदूरी करते हैं।
बावजूद इसके महिमा के सामने संसाधनों का अभाव बाधक नहीं बना और उसने योग के खेल को अपना लक्ष्य बनाते हुए कड़ी मेहनत की।प्रदेश की कई योग की प्रतियोगिताओं में महिमा ने अपनी उपलब्धियां दर्ज की।स्टेट लेवल की प्रतियोगिताओं में उसने अपना जलवा बिखेरा। अब महिमा ने नेशनल योग फेडरेशन की 44वीं राष्ट्रीय सब जूनियर प्रतियोगिता में यूपी का प्रतिनिधित्व किया। 6 से 21 जून तक होने वाली इस ऑनलाइन प्रतियोगिता में उसने 6 व 7 जून को प्रतिभाग किया। इसके पहले स्टेट योग फेडरेशन की ऑनलाइन कोचिंग कैम्प में भी महिमा ने कड़ा अभ्यास किया था।
उल्लेखनीय है कि महिमा उन तीन प्रतिभागियों में एक थी, जिसका चयन राष्ट्रीय ऑनलाइन प्रतियोगिता के लिए हुआ है। अब इस प्रतियोगिता के परिणाम को लेकर सबकी निगाहें लगी हुई हैं। महिमा की कड़ी मेहनत को संवारा उसके ही विद्यालय की प्रधानाध्यापिका रत्ना मिश्रा ने। उन्होंने शुरू से ही महिमा को योग के लिए प्रोत्साहित किया और अभ्यास पर लगातार नजर रखते हुए प्रशिक्षित किया। इस काम मे उनकी मदद विद्यालय के सहायक अध्यापक रविंद्र कुमार ने बखूबी मदद की।
कोरोना के कारण रत्ना मिश्रा ने विभिन्न ऐप्स का उपयोग करते हुए महिमा के अभ्यास को जारी रखवाया और उसपर ध्यान रखा, जिसका परिणाम यह हुआ कि चयन के बाद महिमा का प्रदर्शन बेहतरीन रहा और सभी को उम्मीद है कि परिणाम इसके अनुकूल ही रहेगा।
योग की प्रतिभाओं को निखार रहे हैं शिक्षक दम्पति
प्राथमिक विद्यालय में कार्यरत शिक्षक दम्पति गावों से योग की प्रतिभाओं को खोजकर उन्हें तराश रहे हैं।ये दम्पति प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ रहे साधनहीन बच्चों को अपने स्तर पर सुविधा उपलब्ध कराते है बल्कि उन्हें आवश्यक प्रशिक्षण भी देते हैं। सरेनी के लालपुर प्राथमिक विद्यालय की प्रधानाध्यापिका रत्ना मिश्रा व उनके पति रेनापुर में तैनात ऋषिकांत मिश्रा दोनों इस काम में लगे हैं। रत्ना खुद शारीरिक शिक्षा में स्नातक है और जहां वह बच्चों को योग का प्रशिक्षण देती हैं।
वहीं उनके पति बच्चों को बाहर कैम्प के लिए ले जाने व अन्य सुविधाओं की देखभाल में जुटे रहते हैं। इसके लिए वह अपने स्तर से प्रयास करते हैं। अब तक कई बच्चों को इन्होंने योग में प्रशिक्षित किया है जो विभिन्न प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले रहे हैं। शिक्षक दम्पति का कहना है कि गावों में कई प्रतिभाएं हैं जिन्हें ध्यान देने की जरूरत है, जिसके लिये वह सदैव प्रयासरत हैं।