लॉस एंजेल्स, 02 अगस्त (हि.स)। अमेरिकी अंतरिक्ष यान स्पेस एक्स यात्री डग्लस हरली और राबर्ट बेंकेन अंतरिक्ष की दो माह की एतिहासिक यात्रा पूरी कर रविवार दोपहर फ़्लोरिडा में ‘गल्फ़ ऑफ मेक्सिको’ पहुँचेंगे तो नासा के लिए यह एक बहुत बड़ा दिन होगा। इन दोनों शूरवीर अंतरिक्ष यात्रियों ने शनिवार को अंतरिक्ष केंद्र को सौलास अलविदा किया और अपने डरेगन फेरी यान ‘एंडेवर’ में सवार हो कर सकुशल चल पड़े हैं। इसे कमर्शियल अंतरिक्ष यात्रा के रूप में देखा जा रहा है। इस यान के उतरते समय भारत में गहरी रात होगी।
ये अंतरिक्ष यात्री अपने एंडेवर यान के साथ रविवार की दोपहर बाद जैसे ही फ़्लोरिडा की मेक्सिको खाड़ी में छपाक से उतरेंगे, उन क्षणों को कैमरे में क़ैद करने के लिए नासा ने व्यापक बंदोबस्त किए है। यों तो नासा अपने कैमरों से पृथ्वी पर लौट रहे यान की क़रीब-क़रीब सभी तस्वीरों के लिए बंदोबस्त करने में जुटी है। हालाँकि दर्शकों को अंतरिक्ष यात्रियों के अपने गोलाकार सोलर पैनल से बने ड्रेगन फेरी यान के ट्रंक नुमा अंतरिक्ष स्टेशन से छिटक कर अलग होने, अलविदा लेते समय पृथ्वी की ओर वापस आने के दुर्लभ चित्र देखने को नहीं मिलेंगे। कहा जा रहा है कि यह गोलाकार यान जब आकाश मार्ग से पृथ्वी की ओर आ रहा होगा तो यह रक्तिमा लिए हुए ‘श्वेत अंडे’ की तरह दिखाई पड़ेगा। नासा इस कोशिश में है कि उस गोलाकार श्वेत अंडे का पृथ्वी तक पहुँचने का मार्ग प्रशस्त करेगा। इसके लिए ज़मीन पर लगे नासा के कैमरे पैराशूट के यान से निकल रहे यात्रियों के बाहर आने और बोट की ओर बढ़ने के दृश्य दिखा पाऐंगे।
फ़्लोरिडा समुद्र तट पर हरिकेन इसीयस के तेज़ हवाओं के साथ बिजली गरजने, ख़राब मौसम तथा उमड़ते-घुमड़ते बादलों को लेकर स्पेस एक्स यान की सफलता की कामना करने वाले लोगों की चिंताएँ स्वाभाविक हैं। यह तथ्य नासा वैज्ञानिकों के भी ध्यान में है। उन्होंने यान के उतरने के लिए एक दो नहीं, सात अलग-अलग स्थान चुने हुए हैं। इनमें दो एटलांटिक महासागर की ओर तथा चार मेक्सिको खाड़ी तट की ओर। ये वैज्ञानिक लगातार अंतरिक्ष यात्रियों से रेडियो सम्पर्क बनाए हुए है। इस समय हरिकेन इसीयस एटलांटिक मार्ग से फ़्लोरिडा होते हुए नार्थ कैरोलाइना की ओर बढ़ रहा है। इसलिए ज़्यादा संभावनाएँ मेक्सिको खाड़ी तट की ओर यान के उतरने की ज़्यादा संभावनाएँ हैं।
जानकारों का मत है कि अमेरिकी अंतरिक्ष वैज्ञानिको के लिए स्पेस एक्स यान के सफलता पूर्वक उतरना, अंतरिक्ष यात्रियों के कुशल क्षेम, अधिकाधिक जानकारियाँ और डाटा बटोर पाना एक चुनौती भरा काम है। इसके लिए नासा ने अमेरिकी वायु सेना और उनके विमानों की भी मदद ली होगी।
अमेरिका के लिए यह अंतरिक्ष यात्रा मूलत: दो बातों के लिए यादगार रहेगी। एक, यह नौ वर्षों के बाद नासा के अपने अंतरिक्ष केंट्र से अमेरिकी सरज़मीं से हुई। दूसरे इस सफल यात्रा के बाद दुनिया भर के कुबेर अंतरिक्ष पर सैर सपाटे के लिए जा सकेंगे। इसके लिए स्पेस एक्स के कुबेर मानव युक्त यान भेजने के लिए योजनाएँ बनाने में लग गए हैं।