आंध्रा प्रदेश की शिरिशा बंदला ने रचा इतिहास ; कीर्ति स्थापित किए जाने पर उनके गाव में जश्न

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अमरावती :जुलाई 12: (हि सा)तेलुगू भाषाई राज्यो से इतिहास रचने वाले शिरिशा बंदला के गाव गुंटूर जिले की तेनाली मे कल देर रात तक उनके रिश्तेदारों ने बंदला सिरीशा की कामयाबी पर जश्न मनाया! कल शिरीषा बांदला रविवार को अंतरिक्ष में उड़ान भरने वाली भारतीय मूल की तीसरी बन गयीं जब उन्होंने अमेरिका के न्यू मैक्सिको से रिचर्ड बैनसन के साथ गैलेक्टिक की अंतरिक्ष के लिए पहली पूर्ण चालक दल वाली सफल परीक्षण उड़ान भरी। स्पेसपोर्ट अमेरिका प्रक्षेपण केन्द्र से न्यू मैक्सिको के ऊपर करीब 1.5 घंटे के मिशन के

लिए उड़ान भरी। रविवार को रात 8 बजे न्यू मैक्सिको से शुरू हुआ अंतरिक्ष यान 90 मिनट बाद सफलतापूर्वक लौटा। उनके रिस्थेदार ने ज़िले,गाव और राज्य और देश की किर्ति स्थापित करने का जस्न बनाया और कहा की शिरिशा अपने बचपन के सपने को पूरा करके अंतरिक्ष में गई थी, और सुरक्षित लौट आई है।

आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले में जन्मी बांदला अमेरिका के ह्यूस्टन में पली-बढ़ी हैं। वर्ष 1987 में चिराला में जन्मीं शिरीषा के पिता बी. मुरलीधर और माँ अनुराधा अमेरिका में जॉब करते थे। शिरीषा को दादा-दादी के पास छोड़कर अमेरिका चले गए थे! बांदला चार साल की उम्र में अमेरिका चली गई और 2015 में पर्दयुनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ एरोनॉटिक्स एंड एस्ट्रोनॉटिक्स से विज्ञान में स्नातक की डिग्री का के हासिल की। उन्होंने 2015 में जॉर्ज वॉलिटन विश्वविद्यालय में मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन की डिग्री पूरी की।

तेनाली के पूर्व नगरपालिके के अध्यक्ष बंदला पुलैया की पोती सिरीशा और दादी रमादेवी स्थानीय बोस रोड पर एक अपार्टमेंट में रहते हैं। उनके साथ, रिश्तेदारों ने टीवी चैनलों पर वर्जिन गेलेक्टिक स्पेसफ्लाइट का सीधा प्रसारण देखा। दादा और दादी उनकी पोती सिरिशा सफता पूर्वक वापस लौट्ठे ही पड़ोसीयों ने सिरीशा के दादा-दादी का सम्मान किए और उन्हें मिठाई खिलाने काफी लोग पाहुचे थे।


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