सेक्स रैकेट काण्ड : राजद विधायक अरुण यादव की गिरफ्तारी के लिए एसपी ने संभाली कमान

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भोजपुर के चर्चित सेक्स रैकेट कांड में बुरी तरह से फंस चुके संदेश से आरजेडी विधायक अरुण यादव सरेंडर की फिराक में हैं।



आरा,15 सितंबर(हि. स.)।पटना और आरा के चर्चित सेक्स रैकेट मामले में फरार राजद विधायक अरुण यादव की गिरफ्तारी भोजपुर पुलिस के लिए अब प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है।  राजद विधायक अरुण यादव की गिरफ्तारी भोजपुर एसपी के लिए बड़ी चुनौती है। सेक्स रैकेट मामले में विधायक के खिलाफ कोर्ट से गैर जमानती वारंट जारी हो चुका है जिसके बाद भोजपुर पुलिस कप्तान विधायक की गिरफ्तारी के लिए मोर्चा संभाले हुए हैं। भोजपुर के चर्चित सेक्स रैकेट कांड में बुरी तरह से फंस चुके संदेश से आरजेडी विधायक अरुण यादव सरेंडर की फिराक में हैं।

सूत्रों के मानें तो विधायक सरेंडर के मूड में हैं और इसके लिए वे  तैयारी में लग चुके हैं। आत्मसमर्पण करने की लगभग पूरी प्लानिंग कर चुके हैं।  दूसरी ओर  यादव की गिरफ्तारी के लिए पटना एसटीएफ समेत दूसरी एजेसियों की भी मदद ली जा रही है लेकिन अभी तक वे  पुलिस की पहुंच से दूर हैं।
 झारखंड से कहां गायब हुए अरुण यादव-
 विधायक को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस लगातार उनके करीबियों से भी जानकारी जुटाने की कोशिश में लगी हुई है।
 अरुण यादव का बालू और कंस्ट्रक्शन का कारोबार दूसरे राज्यों तक फैला है। पुलिस मोबाइल सर्विलांस से भी पता लगाने की कोशिश कर रही है। पुलिस  उनके कई करीबियों पर भी पैनी नजर रख  रही है।
 बताया जा रहा है कि उनके मोबाइल नंबर सर्विलांस पर चढ़ाये गये हैं। फरार विधायक का आखिरी बार लोकेशन झारखंड में देखा गया था। उसके बाद से लगातार उनका मोबाइल स्विच ऑफ है। अरुण यादव का बालू और कंस्ट्रक्शन का कारोबार दूसरे राज्यों में है। ऐसे झारखंड में ही उनके छिपने की आशंका जताई जा रही है।
 भोजपुर पुलिस के लिए चैलेंज है विधायक की गिरफ्तारी-
 इस चर्चित मामले में फरार चल रहे राजद विधायक को पुलिस अपनी साख बचाने के लिए किसी भी कीमत पर गिरफ्तार करना चाहती है।
गैर जमानती वारंट जारी होने के करीब 48 घंटे बाद भी फरार विधायक पुलिस के हाथ नहीं लगे हैं। पुलिस राजद विधायक की गिरफ्तारी के लिए गड़हनी प्रखंड के लसाढ़ी गांव स्थित उनके पैतृक घर, अगिआंव बाजार स्थित आवास के साथ-साथ पटना सचिवालय के फ्लैट और आरा स्थित कई ठिकानों पर छापेमारी कर चुकी है लेकिन उसे सफलता नहीं मिली है। बताया जा रहा है कि भोजपुर के पुलिस कप्तान खुद नेतृत्व कर रहे हैं।

 


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