कोविड-19 के खिलाफ लंबी लड़ाई के लिए दक्षिणी नौसेना कमान तैयार

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भारतीय नौसेना ने कर्मचारियों के लिए ‘जहां भी हो रुके रहो, कोई यात्रा नहीं’ की नीति लागू की 



नई दिल्ली, 27 मार्च (ह‍ि.स.)। देश भर में चल रहे लॉकडाउन के क्रम में भारतीय नौसेना ने छुट्टी पर गए या अस्थायी ड्यूटी पर लगे अपने कर्मचारियों के लिए ‘जहां भी हो रुके रहो, कोई यात्रा नहीं’ की नीति को लागू कर दिया है।

दक्षिणी नौसेना कमान (एसएनसी) ने कोविड-19 महामारी का मुकाबला करने के लिए दो स्तरीय रणनीति के उद्देश्य से राज्य सरकार और नौसेना मुख्यालयों के साथ परामर्श के बाद कुछ कदम उठाने की घोषणा की है, जिसमें इस बीमारी के खिलाफ लड़ाई में नागरिकों को तैयार करना और सहयोग देना शामिल है। इसके साथ ही संक्रमण से बचाने के अपने कर्मचारियों के एकांतवास और सभी जिम्मेदारियों के लिए उपलब्धता सुनिश्चित करने पर भी नौसेना का जोर है।

कोच्चि में गैर चिकित्सा कर्मचारियों की भागीदारी के साथ बनी युद्ध क्षेत्र नर्सिंग सहायकों (बीएफएनए) की 10 टीमों का गठन कर दिया गया है, जो परिस्थितियों के आधार पर चिकित्सा कर्मचारियों की मदद करेंगी। ऐसी बीएफएनए टीमों को एसएनसी के अधीन आने वाले अन्य सभी स्टेशनों पर तैयार किया जा रहा है। भारतीय नौसेना ने छुट्टी पर गए या अस्थायी ड्यूटी पर लगे अपने कर्मचारियों के लिए ‘जहां भी हो रुके रहो, कोई यात्रा नहीं’ की नीति को लागू कर दिया है।
दक्षिणी नौसेना कमान मुख्यालयों ने भारत सरकार के निर्देश पर दुनिया के दूसरे हिस्सों से हवाई जहाज के माध्यम से वापस लाए जा रहे 200 भारतीयों के लिए कोच्चि की एक अपनी प्रशिक्षण इकाई को कोरोना देखभाल केंद्र (सीसीसी) के रूप में पहले ही तैयार कर दिया है। इसके अलावा किसी भी वजह से प्रभावित होने वाले सेवा कर्मचारियों के वास्ते 200 सेवा कर्मचारियों और परिवारों के लिए एक अन्य सीसीसी सुविधा तैयार कर दी गई है। इसके अलावा पूर्व में मिले दिशा-निर्देशों के तहत 14 दिन तक के एकांतवास के लिए खाद्य, शौचालय, चिकित्सा कचरा प्रबंधन और अन्य व्यवस्थाओं से युक्त दो सुविधाएं तैयार कर दी गई हैं। सीसीसी का प्रशासनिक कामकाज अधिकारियों और कर्मचारियों का एक समर्पित समूह देखेगा और भारतीय नौसेना के चिकित्सकों और नर्सिंग कर्मचारियों का एक अलग चिकित्सा देखभाल केंद्र मरीजों के चिकित्सीय पहलुओं को देखेगा। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा तय चिकित्सा प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन किया जा रहा है। सार्वजनिक क्षेत्रों की स्वच्छता और कर्मचारियों व उनके परिवारों की शिक्षा के लिए विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं।


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