नई दिल्ली, 30 अगस्त (हि.स.)। दक्षिणी नौसेना कमांड (एसएनसी) के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ वाइस एडमिरल अनिल के चावला ने कोच्चि के नौसेना बेस में प्लास्टिक अपशिष्ट निपटान सुविधा का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने ‘कैलिडोस्कोप-फीचर्स फ्रेंड @ कटारी बाग’ शीर्षक से पक्षियों के बारे में एक पुस्तक का भी विमोचन किया।
यह पायलट परियोजना कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड ने एर्नाकुलम जिला प्रशासन के सहयोग से 46 लाख रुपये की अनुमानित लागत के साथ शुरू की गई है। इस सुविधा से प्रति घंटे लगभग 150 किलोग्राम प्लास्टिक को रीसाइक्लिंग किया जा सकता है। इसका उपयोग विभिन्न रीसाइक्लिंग विकल्पों के लिए किया जा सकता है। कोच्चि के नौसेना बेस का प्रयास है कि कोच्चि के नौसेना बेस से कोई भी प्लास्टिक अपशिष्ट बाहर न जा सके। इसी के साथ नौसेना कमांड ने प्रकृति का संरक्षण करने की दिशा में अन्य उपायों की भी शुरुआत की है। इस अवसर पर कमांडर-इन-चीफ ने कहा कि अपनी जैव विविधताओं को संरक्षित करके देवभूमि वाले देश की प्राचीन सुंदरता को बहाल करने की सामूहिक आवश्यकता है, क्योंकि हम सभी के लिए पृथ्वी केवल एक ही है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के अपशिष्ट निपटान उपायों के माध्यम से कोच्चि के कटारी बाग और उसके आस-पास के क्षेत्रों को मॉडल के रूप में विकसित किया जा सकता है।
इस अवसर पर वाइस एडमिरल ने ‘कैलिडोस्कोप-फीचर्स फ्रेंड @ कटारी बाग’ शीर्षक से पक्षियों के बारे में एक पुस्तक का भी विमोचन किया। कटारी बाग में पक्षियों पर पुस्तक का विमोचन करने का उद्देश्य कोच्चि में पर्यावरण पारिस्थितिकी प्रणाली के संदर्भ में जागरूकता उत्पन्न करना है। वाइस एडमिरल चावला के ही संरक्षण और मार्गदर्शन में कमांडर दिग्विजय सिंह सिकरवार ने कटारी बाग-‘ग्रीन हेवन’ के परिसर में पक्षियों को सूचीबद्ध करने के लिए 3 वर्ष तक अध्ययन किया है। इसके बाद इस शोध को कॉफी टेबल बुक के रूप में ‘कैलिडोस्कोप’ का प्रकाशन किया गया। अध्ययन में कटारी बाग में पक्षियों की 74 विभिन्न प्रजातियां शामिल की गई हैं। इस पुस्तक में कटारी बाग के अंदर ली गई पक्षियों की तस्वीरों को उनकी विशिष्टता के उल्लेख के साथ शामिल किया गया है। उन्होंने कमांडर सिकरवार द्वारा इस क्षेत्र में पक्षियों को पालने की दिशा में किए गए श्रमसाध्य प्रयासों की व्यक्तिगत रूप से सराहना की।
इस अवसर पर रियर एडमिरल एमडी सुरेश, एर्नाकुलम के जिलाधिकारी एससुहास, कमोडोर एनएजे जोसेफ, आईएनएस वेंडुरुथी और कमांडर पी सुरेश (सेवानिवृत्त) के अलावा कुछ चुनिंदा नौसैना कर्मी भी शामिल हुए।