सोनिया ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर जताई गरीब-मजदूरों की चिंता, आर्थिक राहत पहुंचाने की मांग

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नई दिल्ली, 26 मार्च (हि.स.)। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने की दिशा में केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए लॉकडाउन जैसे अहम कदम की सराहना करते हुए गरीबों और मजदूरों को लेकर चिंता भी जाहिर की है। केंद्र सरकार से जरूरतमंदों को राहत पहुंचाने की मांग करते हुए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर कई सुझाव भी दिए।
सोनिया गांधी ने गुरुवार को प्रधानमंत्री को लिखे अपने पत्र में कहा, ‘हमारे समाज के सबसे कमजोर वर्गों में दैनिक दिहाड़ी, मनरेगा, फैक्ट्री, खेतीहर व निर्माण क्षेत्र के कामगारों के साथ असंगठित क्षेत्र के मजदूर आते हैं। जबकि लॉकडाउन के दौरान कुछ कंपनियों और व्यवसाइयों ने नियमित व अस्थायी कर्मचारियों की छंटनी भी की है। सरकार को इन लोगों के लिए विस्तृत सामाजिक सुरक्षाचक्र बनाने का उपाय करना होगा। ऐसे वर्गों के बैंक खातों में सीधे नकद आर्थिक मदद दी जानी चाहिए ताकि वो इस मुश्किल दौर का सामना कर सकें।’
कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि लॉकडाउन के 21 दिनों में सबसे अहम है राहत उपायों को लेकर फैसला करना, जिससे सुनिश्चित हो सके कि जरूरतमंदों पैसा और भोज्य पदार्थों मिलेगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान में आर्थिक तौर पर कई लोगों को समस्याएं हो रही हैं, ऐसे में गरीब परिवारों को पैसा ट्रांसफर करना सबसे जरूरी है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि मनरेगा, निर्माण क्षेत्र तथा दिहाड़ी मजदूरों का जीवन यापन इन 21 दिनों में प्रभावित ना हो इसके लिए उनकी उनकी आर्थिक जरूरतों को ध्यान में रखते हुए पैसे दिए जाने चाहिए। इसके अलावा सोनिया गांधी ने सुझाव दिया कि राशन कार्ड होल्डर्स को 10 किलो चावल या गेहूं मुफ्त दिया जाना चाहिए। साथ ही कम्पनियों और व्यवसाइयों को निर्देशित किया जाना चाहिए कि इस लॉकडाउन के अवधि में रोजगार न छीने जाएं। इसके अलावा कर भुगतान की तारीखों को टाले जाने तथा अप्रत्यक्ष करों में छूट दिए जाने की मांग को भी उन्होंने सरकार के समक्ष रखा।
सोनिया गांधी ने कहा कि देश में आई इस समस्या से लड़ने के साथ देशवासियों को राहत पहुंचाने का काम भी सरकार का ही है। सरकार इस मदद से लोग 21 दिनों की बंदी से उबर सकेंगे।

 


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