कभी-कभी राजनीतिक परिस्थितियां अलग होती हैं, जैसा चाहते हैं, वैसा नहीं होताः गुप्तेश्वर पांडेय

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विधानसभा चुनाव में एनडीए के लिए प्रचार करेंगे पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेयवीआरएस लेने और एक पार्टी का सदस्य बनने का चुनाव लड़ने से कोई संबंध नहीं



पटना, 08 अक्टूबर (हि.स.)। बिहार के पूर्व डीजीपी और जदयू नेता गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि मेरे वीआरएस लेने और एक पार्टी का सदस्य बनने का चुनाव लड़ने से कोई संबंध नहीं है। इस बार विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ रहा हूं। मैं दोनों दलों (जदयू-भाजपा) के लिए चुनाव प्रचार करूंगा। गुरुवार को वे मीडिया से बात कर रहे थे।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि कभी-कभी राजनीतिक परिस्थितियां किसी व्यक्ति की उम्मीद से अलग होती हैं। जैसा आप चाहते हैं, वैसा नहीं होता है। ऐसे में मैं धोखा महसूस नहीं करता हूं। एनडीए के साथ हूं। मैं अपनी पार्टी के साथ हूं और नीतीश कुमार जी के निर्देशों का पालन करूंगा। पार्टी मेरी जो भी जिम्मेदारी तय करेगी, उसे निष्ठापूर्वक निभाउंगा। सुशांत सिंह राजपूत मामले को लेकर उठ रहे सवालों पर उन्होंने कहा कि जब मैं डीजीपी था, तब अपने अफसरों को जांच के लिए भेजा था। लेकिन, महाराष्ट्र के डीजीपी और मुंबई पुलिस ने उनके साथ ठीक बर्ताव नहीं किया। ऐसे में जो किया था वो सही फैसला था।
उल्लेखनीय है कि बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा से कुछ पहले ही गुप्तेश्वर पांडेय ने ऐच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) लेकर जनता दल यूनाइटेड (जदयू) की सदस्यता ली थी। उम्मीद जताई जा रही थी कि वे बक्सर विधानसभा क्षेत्र से चुनावी मैदान में उतर सकते हैं, लेकिन ये सीट भाजपा के खाते में चली गई। हालांकि इसके बाद भाजपा से चुनाव लड़ने की काफी चर्चा रही, लेकिन बक्सर से परशुराम चतुर्वेदी को भाजपा का टिकट मिलने के बाद उस पर विराम लग गया। इसके अलावा वाल्मीकिनगर लोकसभा क्षेत्र से भी उपचुनाव लड़ने के कयास लगाये जा रहे थे, लेकिन जदयू ने वहां से भी अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है।
एक दिन पहले फेसबुक पोस्ट कर कहा- धीरज रखें और मुझे फोन नहीं करें
पांडेय ने बुधवार की रात फेसबुक पोस्ट कर कहा था, अपने अनेक शुभचिंतकों के फ़ोन से परेशान हूं। मैं उनकी चिंता और परेशानी भी समझता हूं। मेरे सेवामुक्त होने के बाद सबको उम्मीद थी कि मैं चुनाव लड़ूंगा, लेकिन मैं इस बार विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ रहा। हताश निराश होने की कोई बात नहीं है। धीरज रखें। मेरा जीवन संघर्ष में ही बीता है। मैं जीवन भर जनता की सेवा में रहूंगा। कृपया धीरज रखें और मुझे फ़ोन नहीं करें। बिहार की जनता को मेरा जीवन समर्पित है। अपनी जन्मभूमि बक्सर की धरती और वहां के सभी जाति मज़हब के सभी बड़े-छोटे भाई-बहनों, माताओं और नौजवानों को मेरा पैर छू कर प्रणाम। अपना प्यार और आशीर्वाद बनाए रखें।

 


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