पिघलने लगी असम-मिजोरम के बीच अविश्वास की बर्फ
गुवाहाटी,03 अगस्त (हि.स.)। असम-मिजोरम के बीच सीमा विवाद को लेकर जमी अविश्वास की बर्फ अब पिछलने लगी है। दोनों राज्यों के बीच असम के कछार जिला के लैलापुर में गत 26 जुलाई को हिंसक झड़प हुई थी। फायरिंग में असम के छह पुलिस कर्मी और एक आम नागरिक की मौत हुई थी। जिसके बाद दोनों राज्यों के बीच भारी तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गयी थी।दोनों राज्यों में एक-दूसरे के पुलिस कर्मियों और राजनेताओं पर एफआईआर दर्ज किये गये थे।
जिसके बाद तनाव और बढ़ गया। असम के लोगों ने मिजोरम की आर्थिक नाकेबंदी कर दी,जिसके चलते मिजोरम की स्थिति और ज्यादा खराब होने लगी। केंद्रीय गृह मंत्रालय के हस्तक्षेप के बाद हालात धीरे-धीरे सामान्य होने आरंभ हो गये हैं। इस बीच पूर्वोत्तर के भाजपा सांसदों का एक प्रतिनिधमंडल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलकर पूर्वोत्तर में शांति बहाली के लिए आवश्यक कदम उठाने की मांग की।
इस बीच असम और मिजोरम के मुख्यमंत्रियों ने अपने-अपने राज्य की पुलिस को सीधे आदेश दिया है कि वे राजनेताओं और पुलिस कर्मियों के विरूद्ध दायर प्राथमिकी को तुरंत वापस ले लें। दोनों मुख्यमंत्रियों ने एक-दूसरे का इस कदम लिए आभार भी ज्ञापित किया है। माना जा रहा है कि बहुत जल्द दोनों राज्यों के बीच विश्वास बहाल हो जाएगा।
असम के मुख्यमंत्री डॉ हिमंत बिस्व सरमा ने सोमवार को एक ट्वीट कर कहा है कि ने असम पुलिस को मिजोरम पुलिस अधिकारियों के खिलाफ दायर प्राथमिकी वापस लेने का निर्देश दिया है।
असम के मुख्यमंत्री ने असम पुलिस को मिजोरम के कोलासिब के जिला उपायुक्त और वैरांगटी के एसडीपीओ के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी वापस लेने का निर्देश दिया है।
ज्ञात हो कि मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा द्वारा असम के पुलिस कर्मियों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी वापस लेने के बाद असम के मुख्यमंत्री ने यह कदम उठाया है।
अपने ट्विटर पर सीएम डॉ सरमा ने लिखा, “मुझे पता चला है कि मुख्यमंत्री जोरामथांगा ने मिजोरम पुलिस से हमारे अधिकारियों के खिलाफ 26 जुलाई की प्राथमिकी वापस लेने के लिए कहा है। मैं इस सकारात्मक पहल का दिल से समर्थन करता हूं और असम पुलिस से कोलासिब के जिला उपायुक्त और वैरांगटी के एसडीपीओ खिलाफ दायर मामले को वापस लेने के लिए निर्देश दिया है।
मुख्यमंत्री ने एक और ट्वीट में कहा है कि शीघ्र सौहार्दपूर्ण माहौल के तहत मैं अपने कैबिनेट सहयोगियों अतुल बोरा और अशोक सिंघल को सार्थक वार्ता के लिए पांच अगस्त को आइजोल भेज रहा हूं। असम अपनी सीमाओं पर शांति सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है, एक शांतिपूर्ण और विकसित उत्तर-पूर्व का मार्ग प्रशस्त करता है।”