पटना, 01 जनवरी (हि.स.) । केंद्र सरकार ने देश के शहरों को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने का ऐलान किया था। देश में स्मार्ट सिटी के लिए चयनित शहरों में चार बिहार के भी हैं। इनमें सबसे पहले भागलपुर का चयन हुआ था। उसके बाद बिहारशरीफ और फिर मुजफ्फरपुर तथा पटना इस सूची में शुमार हुआ। मगर अभी चारों शहर स्मार्ट होने की दौड़ में काफी पीछे हैं। अधिकांश योजनाएं या तो टेंडर की प्रक्रिया में हैं या अधूरी हैं। इसके अलावा कम महत्व की योजनाओं को हटाकर, उनकी जगह दूसरे जरूरी कामों को शामिल किया जा रहा है।
राज्य के स्मार्ट सिटी के रूप में चयनित चारों शहरों में अभी विकास कार्यों का जमीन पर उतरना बाकी है। कुछ कार्यों को छोड़ दें तो अधिकांश स्वीकृत योजनाओं का काम अभी जमीन पर नहीं उतर सका है। इतना ही नहीं, स्वच्छता सर्वेक्षण-2020 में भी चारों स्मार्ट सिटी का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा है। पटना में इंटीग्रेटेड कंट्रोल कमांड सेंटर में 300 करोड़ से अधिक का टेंडर घोटाला पूर्व में सामने आ चुका है। फिर सरकार ने इंटीग्रेटेड कंट्रोल कमांड सेंटर का काम बेल्ट्रान की मदद से कराने का फैसला किया। इसमें कई और चीजें जोड़ी जा रही हैं। यह कंट्रोल कमांड सेंटर स्मार्ट सिटी का सबसे प्रमुख घटक है। इनका निर्माण चारों शहरों में होना है मगर अभी कहीं भी नहीं हो पाया है। योजनाओं में यह बदलाव बाकी स्मार्ट सिटी में भी हो रहे हैं।
पटना में लगाए जाने हैं कैमरे
अभी पूरे पटना शहर में सुरक्षा की दृष्टि से इसी योजना के तहत कैमरे भी लगाए जाने हैं मगर इसकी शुरुआत नहीं हो पाई है। विभिन्न वार्डों में खुलने वाले नागरिक सुविधा केंद्रों की संख्या भी घटाई गई है। इसमें दूसरी योजनाएं भी जोड़ी जा रही हैं। अदालतगंज तालाब का काम भी स्मार्ट सिटी योजना के तहत हुआ है। चारों स्मार्ट सिटी में काम पूरे होना तो दूर स्टाफ तक का संकट था। सीजीएम सहित विभिन्न पदों के लिए जो अर्हता तय थी, उस पर काम करने के लिए लोग ही नहीं मिले। ऐसे में नए सिरे से अर्हता तय करने का फैसला लिया गया।
यह रही थी चारों स्मार्ट सिटी की स्वच्छता मामले में स्थिति
पटना-10 लाख से अधिक आबादी वाला देश का सबसे गंदा शहर
मुजफ्फरपुर-10 लाख से कम आबादी वाले शहरों में 299वें स्थान पर
भागलपुर-10 लाख से कम आबादी वाले 382 शहरों में 379वें नंबर पर
बिहारशरीफ-10 लाख से कम आबादी वाले 382 शहरों में 374वें नंबर पर