अब भारत में स्किल सेल एनीमिया का हर्बल उपचार संभव
नई दिल्ली, 19 दिसम्बर (हि.स.)। अनुवांशिक बीमारी स्किल सेल एनीमिया का अब हर्बल उपचार भी संभव है। एसएआई फाइटोसूटिकल्स (पी) लिमिटेड कंपनी ने दावा किया है कि सेलिन-एचबीएस से भारत में स्किल सेल एनीमिया के मरीजों का उपचार किया जा सकता है। कंपनी के अनुसार सेलिन-एचबीएस विश्व की पहली हर्बल उपचार पद्धति है। कंपनी ने पूरे भारत में दवा के वितरण और बिक्री के लिए एक्यूरथ पार्टनर्स के साथ करार किया है।
दवा बनाने वाली कंपनी एसएआई फाइटोसूटिकल्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक अनिल भंसाली ने बताया कि इस बीमारी में पूरे शरीर में पर्याप्त ऑक्सीजन ले जाने के लिए पर्याप्त स्वस्थ लाल रक्त कोशिकाएं नहीं होती हैं। स्किल सेल एनीमिया का इलाज करने के लिए सेलिन-एचबीएस एक नया बेहतर रसायन विज्ञान है और इसमें 90% से अधिक एंटी-ब्लीडिंग गुण हैं। सेलिन-एचबीएस को बहुत सुरक्षित पाया गया है और इसमें कोई जोखिम नहीं है। एक्यूरथ पार्टनर्स के विशाल गौड़ ने कहा कि हमने नाइजीरिया में सेलिन-एचबीएस के सफल परिणाम देखे हैं। यह बाकी दवाओं औऱ चिकित्सा पद्धति के मुकाबले सस्ती और प्रभावी भी है। उन्होंने बताया कि भारत स्किल सेल एनीमिया के मामले में नाइजीरिया और डीआर कांगो के बाद दुनिया में तीसरे नंबर पर है। भारत के मिजोरम, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, मणिपुर, झारखंड की आदिवासी आबादी, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, केरल, गुजरात, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और असम आदि राज्यों में इस बीमारी का प्रचलन है।
दुनिया भर में स्किल सेल एनीमिया से पीड़ित 3.50 लाख लोग हैं। भारत में स्किल सेल एनिमिया से ग्रसित 20% बच्चों की मृत्यु दो साल की उम्र से पहले और आदिवासी समुदाय के 30% बच्चों की मृत्यु वयस्क होने से पहले ही हो जाती है। इस बीमारी से पीड़ित लगभग 90% रोगी 20 वर्ष की आयु तक जीवित रहते हैं। 2001 में एक अध्ययन के अनुसार, स्किल सेल रोगियों के लिए जीवित रहने की अनुमानित आयु पुरुषों के लिए 53 वर्ष और महिलाओं के लिए 58 वर्ष थी।