दुमका/रांची,17 जून (हि.स.)। प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के पांच लाख की इनामी महिला नक्सली पीसी दी उर्फ प्रिसिला उर्फ सावड़ी देवी और किरण उर्फ पक्कू समेत छह हार्डकोर नक्सलियों ने सोमवार को दुमका में डीआईजी राजकुमार लकड़ा और एसपी वाईएस रमेश के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। एसपी कार्यालय में आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में शामिल पीसी दी, पूर्व नक्सली ताला दा की पत्नी है। पक्कू के खिलाफ 16 मुकदमे दर्ज हैं। पीसी दी के पति सुखलाल देहरी ने भी पुलिस के सामने हथियार डाल दिये।
पुलिस ने बताया कि झारखंड सरकार की आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर सभी नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। सभी ने अपने-अपने परिजनों के माध्यम से आवेदन कर आत्मसमर्पण की पेशकश की थी। आत्मसमर्पण करने वाले छह नक्सलियों में तीन पुरुष और तीन महिलाएं हैं। इनमें सुखलाल देहरी उर्फ कंदरा देहरी, पीसी दी उर्फ प्रिसिला देवी उर्फ सावड़ी सिंह, प्रेमशीला उर्फ होपन टी, किरण टुडू उर्फ पक्कू टुडू उर्फ उषा टुडू उर्फ फुलीना टुडू, भगत सिंह उर्फ भगत सिंह हेम्ब्रम उर्फ बाबूराम हेम्ब्रम और सिद्धो मरांडी उर्फ कन्हु शामिल हैं। पुलिस के मुताबिक सभी नक्सली दुमका और संथाल परगना के अन्य जिलों में सक्रिय थे। ये लोग सब जोनल कमांडर ताला दा उर्फ सहदेव राय के दस्ते में सक्रिय थे। दस्ते के लिए इन्होंने कई नक्सली घटनाओं को अंजाम दिया था।
उल्लेखनीय है कि नक्सली सरगना ताला दा 13 जनवरी, 2019 को पुलिस मुठभेड़ में मारा गया था। सुखलाल देहरी और प्रेमशीला देवी को छोड़कर सभी चार नक्सली काठीकुंड थाना क्षेत्र में दो जुलाई 2013 को पाकुड़ में एसपी अमरजीत बलिहार हत्याकांड में शामिल थे। इनके विरुद्ध दुमका जिले में कई केस दर्ज हैं।
आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सलियों को झारखंड सरकार की आत्मसमर्पण पॉलिसी के तहत पुलिस की ओर से तत्काल एक-एक लाख रुपये दिये गये। नीति के तहत दी जाने वाली अन्य सुविधाएं भी इन्हें जल्द ही उपलब्ध करायी जाएगी। इन सभी को व्यावसायिक प्रशिक्षण भी दिया जायेगा। सभी नक्सलियों को अपना मुकदमा लड़ने के लिए सरकार की ओर से वकील उपलब्ध कराया जायेगा।