देश के छह और जिले कोरोना मुक्त होने के कगार पर

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अब 7.5वें दिन हो रहे दोगुने केस, लॉकडाउन से पहले थी 3.5 दिन की दर- देश के तीन जिले माही, कोडगू औऱ पौड़ी गढ़वाल हुए कोरोना मुक्त



नई दिल्ली, 20 अप्रैल (हि.स.)। देश के कुछ राज्यों में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं तो कुछ राज्यों में हालात बेहतर भी हैं। कुछ राज्यों में कोरोना के मामले दोगुने होने में 10 से भी कम दिन लग रहे हैं, इनमें महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश शामिल हैं।
कई ऐसे भी राज्य हैं जहां कोरोना के मामले दोगुने होने में 20 दिन से कम का समय लगता है। दिल्ली में 8.5 दिन, कर्नाटक में 9.2 दिन, तेलंगाना में 9.4 दिन, आंध्रप्रदेश में 10.6 दिन, जम्मू-कश्मीर में 11.5 दिन, पंजाब में 13.1 दिन, छत्तीसगढ़ में 13.3 दिन, तमिलनाडु में 14 दिन, बिहार में 16.4 दिन लग रहे हैं। इसके अलावा कोरोना के मामले दोगुने होने में अंडमान-निकोबार में 20.1 दिन, हरियाणा में 21 दिन, हिमाचल प्रदेश में 24.5 दिन, चंडीगढ़ में 25.4 दिन, असम में 25.8 दिन, उत्तराखंड में 26.6 दिन, लद्दाख में 26.6 दिन  लग रहे हैं। इसके अलावा ओडिशा में 39.8 दिन और केरल में 72.2 दिन लग रहे हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि देश के छह और जिले कोरोना मुक्त होने के कगार पर है। राजस्थान के पाली और दुंगरपुर में, गुजरात के जामनगर और मोर्बी में, नॉर्थ गोवा औऱ गोवा में पिछले 14 दिनों से कोरोना का कोई मामला सामने नहीं आया है। गोवा में कोरोना का अब एक भी एक्टिव मामला नहीं है। देश के तीन जिले माही, कोडगू औऱ पौड़ी गढ़वाल में पिछले 28 दिनों से कोरोना का कोई भी मामला सामने नहीं आया है। उन्होंने कहा कि कोरोना की खिलाफ इस जंग में सरकार के प्रयासों से साथ नागरिकों का भी पूरा सहयोग मिल रहा है। इस लड़ाई में सभी का सहयोग बेहद जरूरी है।
80 प्रतिशत लोगों में कोरोना के ज्यादा लक्षण नहीं होते: स्वास्थ्य मंत्रालय
देश में कोरोना के लक्षण नहीं मिलने वाले मरीज भी सामने आ रहे हैं। ऐसे कई मामले सामने आए हैं जहां कोरोना के मरीज को इसके कोई लक्षण ही नहीं है लेकिन जांच में पॉजिटिव पाया गया है। इस पर स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव ने बताया कि कोरोना के 80 प्रतिशत मरीजों में इसके लक्षण कम या नहीं दिखाई देते हैं। 15 प्रतिशत लोगों को ही स्पष्ट लक्षण दिखाई देते हैं जिन्हें अस्पताल में भर्ती करना पड़ता है। 5 प्रतिशत मरीज को गंभीर होने पर अस्पताल में भर्ती कराना पड़ता है। इस बीमारी के संक्रमण को देखते हुए लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने को कहा गया है। लोग अपने घरों में रहें ताकि इस संक्रमण चक्र की कड़ी टूट सके।

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