चंडीगढ़, 10 सितम्बर (हि.स.)। पंजाब की सत्तारूढ़ कांग्रेस में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ विधायकों में चल रहे असंतोष को शांत करते हुए कैप्टन ने बड़ा दांव खेला है। राज्य में पहली बार मुख्यमंत्री ने छह विधायकों को न सिर्फ अपना सलाहकार नियुक्त किया है बल्कि पांच राजनीतिक सलाहकारों को कैबिनेट मंत्री व एक विधायक को राज्यमंत्री का दर्जा प्रदान किया है।
कैप्टन सरकार से नवजोत सिंह सिद्धू के इस्तीफे के बाद यह खबर आ रही थी कि कैप्टन की कार्यशैली से नाराज कुछ विधायक नवजोत सिंह सिद्धू के साथ गुप्त बैठक कर रहे हैं। हालांकि अभी तक सिद्धू के स्थान पर किसी को भी मंत्री नहीं बनाया गया है। इस बीच मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सोमवार देर रात एक अहम फैसला लेकर छह विधायकों को अपना सलाहकार नियुक्त कर दिया। जिन विधायकों को सलाहकार नियुक्त किया गया है उनमें से ज्यादातर पिछले लंबे समय से मंत्री पद हासिल करने के लिए लॉबिंग कर रहे थे।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने विधायक कुशलदीप सिंह ढिल्लों, अमरिंदर सिंह राजा वडिंग, संगत सिंह गिलचियां, इंद्रबीर सिंह बुलारिया, कुलजीत सिंह नागरा एवं तरसेम सिंह डीसी को सलाहकार नियुक्त किया है। इनमें से विधायक कुशलदीप सिंह ढिल्लों, अमरिंदर सिंह राजा वडिंग, संगत सिंह गिलचियां, इंद्रबीर सिंह बुलारिया को सलाहकार (राजनीतिक), कुलजीत सिंह नागरा को सलाहकार (प्लानिंग) नियुक्त करके कैबिनेट मंत्री के समकक्ष रैंक दिया गया है। इसी प्रकार अटारी से विधायक तरसेम सिंह डीसी को सलाहकार (प्लानिंग) नियुक्त करके राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया है। पंजाब में छह विधायकों की नियुक्ति के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने विधायकों में फैल रहे असंतोष को शांत करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। ऐसे में अब कुछ विधायकों द्वारा बोर्ड एवं निगमों में चेयरमैन पद के लिए लॉबिंग की जा रही है।