अलवर के पहलू खान मॉब लिंचिंग मामले के छह आरोपित बरी

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पहलू खान हत्याकांड में नौ आरोपित पकड़े गए थे, जिनमें तीन नाबालिग हैं।



अलवर, 14 अगस्त (हि.स.) । अलवर के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय ने पहलू खान मॉब लिंचिंग (उन्मादी भीड़ की हिंसा) मामले में छह आरोपितों को बुधवार को बरी कर दिया है। पहलू खान हत्याकांड में नौ आरोपित पकड़े गए थे, जिनमें तीन नाबालिग हैं। न्यायालय ने छह आरोपितों पर फैसला सुनाया है। तीन नाबालिग आरोपितों पर सुनवाई जुवेनाइल कोर्ट में चल रही है।
अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (संख्या-1) डॉ. सरिता स्वामी ने सात अगस्त को मामले की सुनवाई पूरी कर बुधवार के लिए फैसला सुरक्षित रखा था। एक अप्रैल 2017 को पहलू खान को गोतस्करी के आरोप में उन्मादी भीड़ ने पीट-पीटकर गंभीर रूप से घायल कर दिया था। चार अप्रैल को उन्होंने अस्पताल में दम तोड़ दिया था। अस्पताल में पुलिस ने पहलू खान का बयान दर्ज किया था, जिसके आधार पर एफआईआर दर्ज की गयी थी।

राज्य सरकार ने मामले की जांच सीबीसीआईडी को सौंपी थी। इस मामले में छह लोगों को नामजद किया गया था, लेकिन जांच के दौरान सभी छह लोगों को निर्दोष करार दिया गया था। बाद में जांच एजेंसी ने वीडियो फुटेज और अन्य साक्ष्यों के आधार पर नौ लोगों को आरोपित बनाया था। इनमें तीन नाबालिग थे। पुलिस ने विपिन, रवींद्र कुमार, कालूराम, दयानंद, योगेश कुमार और भीम राठी के खिलाफ 31 मई 2017 को आरोप पत्र दाखिल किया था। इस मामले में पहलू खान के दो बेटों सहित कुल 44 गवाहों के बयान कोर्ट में कराए गए।

हरियाणा के नूंह जिले के ग्राम जयसिंहपुर निवासी 55 वर्षीय पहलू खां अपने दो बेटों आरिफ और इरशाद के साथ पिकअप गाड़ी में जयपुर के हरमाड़ा से दो गाय खरीद कर अपने घर ले जा रहा था। शाम करीब सात बजे बहरोड़ पुलिया से आगे निकलने पर भीड़ ने पिकअप गाड़ी को रुकवा कर पहलू और उनके दोनों बेटों से मारपीट की थी। कुछ देर बाद पीड़ित पक्ष का दूसरा वाहन भी मौके पर आ गया था, जिसमें तीन गायों के साथ अजमत और रफीक नाम के शख्स बैठे थे। उनके साथ भी मारपीट की गई। इस मामले का ट्रायल एडीजे कोर्ट बहरोड़ में शुरू हुआ था। बाद में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर मामले को अलवर की अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (संख्या-1) की अदालत में सुनवाई के लिए स्थानांतरित किया गया था।

बचाव पक्ष के वकील हेमचंद शर्मा ने बताया कि अभियोजन पक्ष के गवाह आरोपितों की पहचान नहीं कर पाए। वीडियो की फारेंसिक जांच नहीं कराई गई और वीडियो बनाने वाले व्यक्ति को भी अभियोजन पक्ष अदालत में पेश नहीं कर पाया। वीडियो में आरोपितों का चेहरा नहीं दिख रहा था। पहलू खां के दोनों बेटों की गवाही को भी कोर्ट ने पुख्ता नहीं माना। संदेह का लाभ देते हुए छह आरोपितों को बरी कर दिया गया। उन्होंने कहा कि पहलू खान को किसने मारा, यह ऊपर वाला ही जानता है।

फैसले को देंगे चुनौती
पहलू खान के दोनों बेटों की तरफ से अदालत में पैरवी करने वाले वकील कासम खान ने कहा कि फिलहाल फैसले की कॉपी नहीं मिली है। फैसला पढ़ने के बाद ही इस बारे में कुछ कहा जा सकेगा। उन्होंने कहा कि हम सत्र न्यायालय के फैसले को ऊपरी अदालत में चुनौती देंगे। उन्हें विश्वास है कि हाईकोर्ट में पहलू को न्याय मिलेगा। हमें पूरी उम्मीद है कि हाईकोर्ट से फैसला हमारे हक में आएगा।


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