आतंकियों के फरमानों को दरकिनार कर सुबह-शाम खुल रही दुकानें

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लैंडलाइन फोन तथा मोबाइल पोस्ट पेड सेवा घाटी में सुचारू रूप से काम कर रही है जबकि प्री-पेड मोबाइल सेवा अभी बंद है।



श्रीनगर, 06 नवम्बर (हि.स.)। जम्मू-कश्मीर के कंेद्र शासित प्रदेश बनने के बाद पाकिस्तान समर्थित आतंकी बौखला गए हैं और कश्मीर घाटी के सुधरते हालातों को देखकर आए दिन यहां की आम जनता को डराने के लिए कुछ न कुछ करते ही रहते हैं। वहीं कश्मीर घाटी की आम जनता ने भी अब इन आतंकियों को डरना छोड़ दिया है और यहां के हालात सामान्य बनाने में प्रशासन की पूरी मदद कर रहे हैं। आतंकियों के फरमानों को दरकिनार कर सुबह-शाम दुकानें खुल रही हैं। सड़कों पर बड़ी संख्या में वाहन नजर आ रहे हैं। लोग भी अपनी रोजर्राह के कामों के लिए अपने घरों से बाहर निकल रहे हैं। घाटी में पहले की तरहं अब कोई प्रदर्शन व पत्थरबाज़ी की घटनाएं नज़र नहीं आती हैं। युवा आतंक का रास्ता अपनाने की बजाय अपने भविष्य को सवारने में लगे हुए हैं। घाटी के विभिन्न जिलों में समय समय पर सेना, पुलिस व अन्य विंगों में होने वाली भर्ती में यहां के युवा बढ-चढ़ कर शामिल हो रहे हैं तथा देश की रक्षा के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने के लिए तैयार हैं। वहीं दसवीं तथा बारहवीं की बोर्ड परीक्षा बिना किसी बाधा के कड़ी सुरक्षा के बीच जारी है। इस सबके बीच घाटी के सभी संवेदनशील स्थानों पर अतिरिक्त सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है।
बुधवार को भी कश्मीर घाटी में माहौल शांत है। सरकारी कार्यालय और बैंक सामान्य दिनों की तरहं ही खुले हैं। सरकारी कार्यालयों में कर्मचारियों की संख्या सामान्य से अधिक है। रेहड़ी फड़ी व खुले में सामान लगाकर बेचने वाले अपना सामान लेकर श्रीनगर तथा इसके आसपास के इलाकों में डटे हुए हैं। लोग भी अपने रोज़ाना के कामों के लिए अपने घरों से बाहर निकल रहे है। सेब मंडियां सजी हुई हैं और मंडियों से सेब तथा दूसरा सूखा मेवा लगातार दूसरे राज्यों में भेजा जा रहा है।
लैंडलाइन फोन तथा मोबाइल पोस्ट पेड सेवा घाटी में सुचारू रूप से काम कर रही है जबकि प्री-पेड मोबाइल सेवा अभी बंद है। वहीं पूरे जम्मू-कश्मीर में मोबाइल इंटरनेट सेवा फिलहाल बंद है।

 


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