प्रवासी मजदूरों, सीमांत किसानों और रेहड़ी पटरी वालों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए आर्थिक पैकेज
नई दिल्ली, 14 मई (हि.स.)। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतगर्त आर्थिक पैकेज के दूसरे चरण में गरीबों, प्रवासी मजदूर, रेहड़ी-पटरी वालों और छोटे व सीमांत किसानों के लिए 9 बड़े ऐलान किए। सीतारमण ने गुरुवार को प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि प्रवासी मजदूर, रेहड़ी-पटरी वाले और छोटे किसान सरकार की पहली प्राथमिकता हैं। वित्त मंत्री ने रेहड़ी-पटरी वालों के लिए 10 हजार रुपये का लोन देने का ऐलान किया, जो जल्द ही लागू हो जाएगा। उन्होंने बताया कि इससे 50 लाख लोगों को फायदा होगा, इसके लिए 5 हजार करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।
वित्त मंत्री ने कहा कि लॉक डाउन की घोषणा के समय ही प्रधानमंत्री मोदी के निर्देश पर गरीब परिवारों को 3 महीने तक 5 किलो अनाज और एक किलो चना मुफ्त में देने का जो फैसला किया गया था, उसे अब बढ़ाकर जुलाई तक कर दिया गया है। इसके साथ ही बिना राशन कार्ड वाले गरीबों को भी मुफ्त में 5 किलो अनाज पीडीएस सिस्टम के जरिए जुलाई तक दिया जाएगा। सीतारमण ने कहा कि वन नेशन-वन राशन कार्ड की योजना हर राज्य में लागू होगी। इसके साथ ही शिशु मुद्रा लोन के तहत 50 हजार रुपये का कर्ज लेने वालों को ब्याज में 2 फीसदी की छूट मिलेगी।
वित्त मंत्री ने कहा कि अपने गांव लौटे प्रवासी मजदूरों को मनरेगा के तहत काम मिलेगा। इसके साथ ही कर्मचारी कानून में परिवर्तन किया जा रहा है। अब नियोक्ता को कर्मचारी का नियुक्ति पत्र जारी करना अनिवार्य होगा। सरकार न्यूनतम वेतन की विसंगतियों को भी दूर करेगी। प्रवासी मजदूरों के स्वास्थ्य की साल में एक बार जांच की जाएगी। उन्होंने बताया कि मनरेगा के तहत मजदूरों की दिहाड़ी को 182 रुपये से बढ़ाकर 202 रुपये पहले से ही की गई है। सीतारमण ने कहा कि श्रम कानून में भी सुधार पर काम चल रहा है।
वित्त मंत्री के दूसरे चरण के आर्थिक पैकेज की मुख्य बातें:-
– 2 लाख करोड़ रुपये की सुविधा किसानों के लिए होगी। इसमें ढाई करोड़ किसानों को रियायती दरों पर लोन उपलब्ध कराया जाएगा।
-आदिवासी इलाकों के लोगों के लिए जॉब पैदा करने के लिए 6000 करोड़ रुपये का फंड बनाया जाएगा।
-नाबार्ड के जरिए किसानों के लिए 30 हजार करोड़ रुपये की अतिरिक्त इमरजेंसी वर्किंग कैपिटल की फंडिंग की जाएगी। इस राशि को तत्काल जारी किया जाएगा। इससे करीब 3 करोड़ किसानों को फायदा पहुंचने की उम्मीद है। यह योजना सीधे तौर पर ग्रामीण भारत एवं किसानों के फायदे के लिए है।
-हाउसिंग सेक्टर के लिए 70 हजार करोड़ रुपये का बढ़ावा देने वाली योजना लाएंगे। 6 लाख से 18 लाख तक आय वालों को इसका फायदा मिलेगा। 2.5 लाख मध्यम वर्ग के लोगों को फायदा होगा। मजदूरों को भी इसका लाभ मिलेगा। हाउसिंग क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम को 31 मार्च 2021 तक बढ़ा दिया गया है।
– रेहड़ी-पटरी वालों के लिए 5,000 करोड़ रुपये की विशेष कर्ज सुविधा का प्रावधान सरकार ने किया है। सरकार रेहड़ी-पटरी वालों को 10 हजार रुपये के लोन देने के लिए एक माह के अंदर विशेष योजना लाएगी। इस योजना से 50 लाख रेहड़ी-पटरी वालों को लाभ होगा। डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा दिया जाएगा। वहीं, डिजिटल पेमेंट का इस्तेमाल करने वालों को अतिरिक्त फायदा भी मिल सकेगा।
-प्रवासी मजदूरों, शहरी गरीबों के लिए किफायती रेंटल हाउसिंग कॉम्पलैक्स की व्यवस्था और सरकार पीएमएजेवाई के तहत प्रवासी मजदूरों और शहरी गरीबों को कम किराये पर घर उपलब्ध कराने की योजना लागू की जाएगी। इसे पीपीपी मोड के जरिए लागू किया जाएगा।
-एक राष्ट्र-एक राशन कार्ड योजना से अगस्त, 2020 तक 23 राज्यों में 67 करोड़ लाभार्थियों को लाभ मिलने की उम्मीद है।
-प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल के जरिए यह संभव होगा। इस योजना के तहत प्रवासी मजदूर देश के किसी भी कोने में जाकर किसी भी राशन दुकान से अपने हिस्सा का राशन किफायती दाम पर खरीद कर सकेंगे
– 8 करोड़ प्रवासी मजदूरों की खाद्यान्न की आवश्यकता के लिए 3500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। उन्हें अगले दो महीने तक 5 किलो गेहूं या चावल और एक किलो दाल उपलब्ध कराई जाएगी।
-जिनके पास खाद्य सुरक्षा कार्ड नहीं है उन्हें भी चावल या गेहूं और एक किलो दाल अगले दो महीने तक उपलब्ध कराई जाएगी।
-कई राज्यों में प्रवासी श्रमिकों को अनाज की जरूरत है। बिना कार्ड वाले प्रवासी मजदूरों को प्रति व्यक्ति पांच किलोग्राम निशुल्क अनाज और एक किलोग्राम चना प्रति परिवार प्रति माह के हिसाब से अगले दो माह तक दिया जाएगा। इससे आठ करोड़ प्रवासी श्रमिकों को फायदा होने की उम्मीद है।
-इस मद में 3,500 करोड़ रुपये खर्च किया जाएगा। इसे लागू करने की जिम्मेदारी राज्य सरकारों को होगी।
-वित्त मंत्री ने कहा कि कम से कम एक न्यूनतम वेतन गरीब से गरीब मजदूर को मिले, इसके लिए कदम उठाया जाएगा। नियुक्ति पत्र सभी मजदूरों को मिलेंगे।
-साल में एक बार स्वास्थ्य जांच होगी। जोखिम वाली जगहों पर काम करने वालों मजदूरों के लिए योजना बनेगी। सामाजिक सुरक्षा योजना मजदूरों के लिए लाई जाएगी। रात्रि में काम करने वाली महिलाओं के लिए सुरक्षा की व्यवस्था लाई जाएगी।
-वित्त मंत्री ने बताया कि प्रवासी मजदूरों की मदद के लिए 14 करोड़ 62 लाख काम पैदा किए गए। इसमें 10000 करोड़ रुपये खर्च किए गए।