लखनऊ, 02 जनवरी (हि.स.)। उन्नाव में दुष्कर्म पीड़ित की जिंदा जलाकर हत्या किये जाने के मामले में विशेष जांच दल (एसआईटी) ने उन्नाव कोर्ट में 360 पन्नों की चार्जशीट दाखिल कर दी है। इसमें मुख्य आरोपित शिवम त्रिवेदी सहित हरिशंकर त्रिवेदी, शुभम त्रिवेदी, रामकिशोर त्रिवेदी और उमेश कुमार के नाम हैं। मरने से पहले पीड़ित युवती ने उन्नाव के सुमेरपुर अस्पताल में इन्हीं पांच लोगों को नामित किया था।
पुलिस ने पीड़ित के बयान के आधार पर रिपोर्ट दर्ज करके घटना वाले दिन ही पांचों आरोपितों को गिरफ्तार किया था। एसआईटी की ओर से दाखिल चार्जशीट में आरोपितों पर बंधक बनाने, धारदार हथियार से चोट पहुंचाने, सामूहिक रूप से जलाने, धमकी देने, हत्या के आरोप लगाये गए हैं। राज्य सरकार पीड़ित परिवार को 25 लाख रुपये की मदद के साथ ही प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत एक घर देने की घोषणा कर चुकी है।
हाईप्रोफाइल इस मामले में मंडलायुक्त लखनऊ मुकेश मेश्राम व लखनऊ रेंज के आईजी एसके भगत पीड़ित के गांव पहुंचे थे। कमिश्नर ने एसपी विक्रांतवीर को एसआईटी गठित कर मामले के जांच के निर्देश दिए थे। एएसपी विनोद कुमार पांडेय के नेतृत्व में गठित एसआईटी ने बिंदुवार मामले की जांच करके आरोप पत्र तैयार किया। 31 दिसम्बर तक कोर्ट बंद होने से अब पुलिस ने कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया है। पीड़ित के साथ दुष्कर्म के आरोप में शिवम और शुभम को पुलिस ने कुछ दिनों पहले गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। पीड़ित को जलाने से दो दिन पहले ही आरोपित जमानत पर छूट कर आए थे। इसी मामले की पैरवी के लिए 5 दिसम्बर को सुबह पीड़ित युवती जब रायबरेली कोर्ट जाने के लिए ट्रेन पकड़ने बैसवारा स्टेशन के लिए घर से निकली, तभी गांव के बाहर खेत में दोनों आरोपित व उनके तीन साथियों ने उसके ऊपर पेट्रोल डालकर आग लगा दी थी। इसके बाद पीड़िता को इलाज के लिए पहले उन्नाव फिर लखनऊ और बाद में एयरलिफ्ट करके नई दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल ले जाया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया।