​’वैभव’ और ‘वज्र’ ने काबू पाया सिंगापुर के जहाज में लगी आग पर

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भारतीय तटरक्षक के जहाज​ बुझा रहे हैं एमवी एक्स-प्रेस पर्ल पर लगी आग  भारत और श्रीलंका के संयुक्त प्रयासों से समुद्र में तेल फैलने का खतरा ​टला ​



नई दिल्ली, 28 मई (हि.स​​.)​​​​। कोलंबो बंदरगाह के पास सिंगापुर के​ जहाज एमवी एक्स-प्रेस पर्ल​ ​में लगी आग पर भारत के जहाजों ने काबू पा लिया है​​​​ ​भारतीय तटरक्षक के जहाज ​​वैभव और वज्र ​अभी भी आग को पूरी तरह बुझाने में लगे हैं​ कोस्ट गार्ड​ ​(​आईसीजी​)​ ​के ​डोर्नियर विमान ने ​गुरुवार को सहायता के लिये क्षेत्र में उ​​ड़ान भरी।​ समुद्र में तेल फैलने का खतरा ​टल गया है क्योंकि इलाके में तेल रिसाव की कोई सूचना नहीं है।​ पोत के 25 सदस्यीय चालक दल में फिलीपींस, चीनी, भारतीय और रूसी नागरिक शामिल थे जिन्हें ​पहले ही ​सुरक्षित बचा लिया गया है।
 
सिंगापुर के जहाज एमवी एक्स-प्रेस पर्ल ने 15 मई को भारत के हजीरा बंदरगाह से 25 टन नाइट्रिक एसिड और अन्य रसायनों सहित 1,486 कंटेनर लोड किये थे। वापस अपने मुल्क जाते समय हजीरा से कोलंबो के रास्ते में कोलंबो बंदरगाह, श्रीलंका से लगभग 9 समुद्री मील की दूरी पर मौजूदा खराब मौसम के कारण पोत एक तरफ झुक गया जिसके परिणामस्वरूप कंटेनर पानी में गिर गए​ ​और उनमें विस्फोट के बाद आग लग गई। श्रीलंकाई नौसेना ने आग बुझाने के प्रयास शुरू करने के साथ ही विस्फोट के बाद जहाज को खाली करा लिया और​ भारत से मदद मांगी।​​ ​इस पर ​​भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) ने अपने जहाजों ‘वैभव’ और ‘वज्र’ को भेजा जो 26 मई को ​कोलंबो बंदरगाह​ पहुंचे​। ​​
 
​दोनों जहाजों ने आज ​सुबह ​अग्निशमन अभियानों में शामिल होने से पहले श्रीलंका के अधिकारियों को 4500 लीटर एएफएफएफ कंपाउंड और 450 किलोग्राम ड्राई केमिकल पाउडर सौंपा। आईसीजी ने ​आग से ​प्रदूषण ​होने की स्थिति होने पर तत्काल सहायता के लिए कोच्चि, चेन्नई और तूतीकोरिन में अपने संसाधन भी स्टैंडबाय पर रखे हैं। एमवी एक्स-प्रेस पर्ल में आग को रोकने की दिशा में कुल मिलाकर उठाए जा रहे कदमों एवं अभियानों में तेज़ी लाने के लिए श्रीलंकाई तटरक्षक एवं अन्य श्रीलंकाई प्राधिकारियों के साथ निरंतर समन्वय बनाए रखा जा रहा है। सिंगापुर के जहाज में आग लगने के बाद समुद्र में तेल फैलने का ​सबसे बड़ा ​खतरा​ था लेकिन आईसीजी डोर्नियर विमान​ ने ​इलाके में​ रेकी करके पता लगाया है कि ​समुद्र में तेल ​का ​रिसाव नहीं ​हुआ ​है।
 
भारतीय तटरक्षक बल​ के प्रवक्ता के अनुसार आईसीजी ने अपने विशेष प्रदूषण प्रतिक्रिया (पीआर) जहाज समुद्र प्रहरी​ को भी भेजा है ताकि अग्निशमन प्रयासों को बढ़ाया जा सके एवं तेल के रिसाव की स्थिति से निपटा जा सके। आईसीजी ने श्रीलंकाई अधिकारियों के अनुरोध और भारत सरकार के निर्देशों ​पर अपने संसाधनों की तैनाती की है।​ ​आईसीजी के दो जहाजों और श्रीलंकाई ​नौसेना की चार टग्स ​से आग बुझाने से संयुक्त प्रयास ​किये जा रहे ​हैं।​ भारत-श्रीलंका संयुक्त अभियान ​का नतीजा है कि भीषण आग पर काफी हद तक काबू पा लिया गया है​ आग बुझाने के प्रयासों के बीच एमवीएक्स प्रेस पर्ल के हिस्से अब स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहे हैं​​ और जल्द ही पूरी तरह आग बुझा लेने की उम्मीद है।
 

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