सिंगापुर का कंटेनर जहाज आग बुझने के बाद ​समुद्र में डूबने लगा

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सैकड़ों टन​ ​रसायन ​​और प्लास्टिक​ ​से ​लदे ​एमवी एक्स-प्रेस पर्ल​ ​​की ​आग ​बुझाने में लगे थे 13 दिन ​ ​​ईंधन टैंक में​ ​मौजूद 278 टन ​​बंकर तेल​ और ​​50 टन गैस हिन्द महासागर में लीक होने का खतरा​ ​



नई दिल्ली, 02 जून (हि.स.)।​ ​सिंगापुर का मालवाहक जहाज ​​एमवी एक्स-प्रेस पर्ल ​​सैकड़ों टन रसायनों ​​और प्लास्टिक​ के साथ श्रीलंका द्वीप के तट ​से ​9 समुद्री मील की ​​दूरी पर 13 दिनों तक ​जलते रहने के बाद अब डूबने लगा है​​।​ ​भारत के जहाजों को श्रीलंकाई नौसेना के साथ 24 घंटे ​ऑपरेशन ‘सागर आरक्षा-2’ चलाकर आग बुझाने में 01 जून को कामयाबी मिली थी​।​​ ​​आग बुझाने के दौरान कोलम्बो तट पर बड़ी मात्रा में प्लास्टिक का मलबा भर गया है​​​​।​ ​अब ​जहाज के ​​​डूबने के साथ ईंधन टैंक में ​मौजूद ​​278 टन ​​बंकर तेल ​और 50 टन गैस हिन्द महासागर में लीक होने का खतरा​ पैदा हो गया है​​।
सिंगापुर के कंटेनर जहाज ​​एमवी एक्स-प्रेस पर्ल ​ने कतर और दुबई से 25 टन नाइट्रिक एसिड ​और अन्य रसायनों सहित 1,486 कंटेनर लोड किए गए थे। इसके बाद 15 मई को गुजरात ​के हजीरा बंदरगाह ​से कोलंबो जा रहा था, ​तभी कोलंबो बंदरगाह से लगभग 9 समुद्री मील की दूरी पर खराब मौसम के कारण कई कंटेनर ढहकर जहाज पर ही गिर पड़े और उनमें एक विस्फोट के बाद आग लग गई।​ श्रीलंकाई नौसेना के मदद मांगने पर भारतीय तटरक्षक बल (​​आईसीजी) ने ​26 मई को ​आग बुझाने के लिए ​​अपने जहाज ‘वैभव’ और ‘​​वज्र’ को कोलंबो भेजे​​। आग से घिरे ​जहाज पर दोनों ओर से लगातार ​24 घंटे ​एएफएफएफ घोल और समुद्री पानी का छिड़काव​ किया गया​ इसके बावजूद एमवी एक्स-प्रेस पर्ल सैकड़ों टन रसायनों और प्लास्टिक ​के साथ 13 दिनों तक जलता रहा। ​आख़िरकार दोनों देशों के प्रयास से 01 जून को ​जहाज की आग पूरी तरह ​से बुझाने में कामयाबी ​मिली​​​​​ ​जहाज ​के 25 सदस्यीय चालक दल में फिलीपींस, चीनी, भारतीय और रूसी नागरिक शामिल थे जिन्हें पहले ही सुरक्षित बचा लिया गया ​था।​​​
 
​श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने मंगलवार को देर ​रात संभावित समुद्री पर्यावरण​ और ​तटीय क्षति कम करने के लिए इस​ जहाज को स्थानांतरित ​करने के आदेश दिए। इसलिए आग बुझाने के दौरान कंटेनर जहाज ​पर भरे दूषित पानी​​ ​​को पंप कर​के निकाल​ने की योजना बनाई गई​ ​​​यह ऑपरेशन शुरू करने के लिए बुधवार को जैसे ही श्रीलंका की टग्स ने जहाज को आगे समुद्र में ले जाने की कोशिश की, तो वह एक तरफ से समुद्र में नीचे की ओर जाने लगा। यह देख जहाज ​में भरे दूषित पानी​​ ​​को पंप कर​के निकाल​ने की योजना टाल दी गई।​ श्रीलंका के मत्स्य पालन मंत्री कंचना विजेसेकेरा ने ​भी ​ट्वीट किया कि ​इस ​ऑपरेशन में शामिल बचाव कंपनी ने संकेत दिया है कि जहाज वर्तमान स्थान पर डूब रहा है।​ ​आग बुझाने के प्रयासों में डेक पर बहुत सारा पानी छिड़का गया। उसमें से अधिकांश पानी स्टर्न में बस गया है जो लगभग एक मीटर नीचे है।​ हम उस पानी को पंप नहीं कर सकते क्योंकि यह तेल से दूषित है।​ ​​​
 
श्रीलंका नौसेना के प्रवक्ता इंडिका डी सिल्वा ने कहा कि ​​आग बुझाने के दौरान कोलम्बो तट पर बड़ी मात्रा में प्लास्टिक का मलबा भर गया है​​​​​ इस कारण पहले ही मछली पकड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया ​गया ​है ​लेकिन वन्यजीवों और पर्यावरण के लिए चिंता ​बढ़ गई है।​ उनका मानना ​​है कि ​13 दिनों तक ​आग ​लगी रहने ​​से जहाज पर ​लदे 1,486​ कंटेनरों में से अधिकांश नष्ट ​हो चुके हैं​ उन्होंने कहा कि अब जहाज के ईंधन टैंक में 278 टन बंकर तेल और 50 टन गैस हिन्द महासागर में लीक होने का खतरा बढ़ गया है।​ ​श्री​लंका ने आग और समुद्री प्रदूषण की आपराधिक जांच शुरू की है।​ पुलिस ने​ जहाज के कप्तान और मुख्य अभियंता​ (​दोनों रूसी नागरिक​)​ ​के ​साथ ही एक तीसरे अधिकारी से पूछताछ की है।​ श्रीलंका की एक अदालत ने मंगलवार को ​जहाज के ​तीनों ​अधिकारियों के पासपोर्ट जब्त करने का आदेश दिया था।
​भारतीय तटरक्षक बल ने जहाज की आग बुझाने के बाद 01 जून को ट्विट करके बताया था कि अब कोई लपटें दिखाई नहीं दे रही हैं। आगे के डेक से केवल सफेद धुआं निकल रहा है। नुकसान के मूल्यांकन के लिए एमवी एक्स-प्रेस पर्ल की जांच शुरू की गई है। आईसीजी के जहाज समुद्र प्रहरी, वैभव और वज्र आसपास के क्षेत्र में हैं। आईसीजी के विमान ने हवाई रेकी की है जिसमें पता चलता है कि अभी जहाज से तेल का रिसाव नहीं हुआ है। ​मंगलवार को ही वेस्टर्न नेवल एरिया श्रीलंका नेवी​ के कमांडर ​रियर एडमिरल उपुल डी सिल्वा​ ने कोलंबो बंदरगाह ​पर भारतीय तटरक्षक जहाज समुद्र प्रहरी का दौरा करके ​एमवीएक्सप्रेस पर्ल पर ​लगी ​आग बुझाने ​के लिए श्रीलंकाई समुदाय की ​ओर से आईसीजी के जहाजों की भूमिका ​को सराहा था
 

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