‘सिक्किम जल्द ही देश का पहला पूर्ण टीकाकरण वाला राज्य बनेगा’
गंगटोक, 09 नवंबर (हि.स.)। सिक्किम कोरोनारोधी टीका की पहली और दूसरी खुराक देने वाले देश के अग्रणी राज्यों में प्रमुख है। सिक्किम पहले ही 100 प्रतिशत कोरोनारोधी टीका की पहली खुराक प्रदान कर चुका है और दूसरी खुराक प्रदान करने वाले राज्यों में भी सबसे आगे है। भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, सिक्किम में 92 प्रतिशत लोग कोरोनारोधी टीका की दूसरी खुराक ले चुके हैं, जो देश में सबसे अधिक है।
सिक्किम के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के महानिदेशक एवं सचिव डॉ. पेम्पा टी. भूटिया ने कहा है कि राज्य सरकार के आंकड़ों के मुताबिक सिक्किम में अब तक 87.69 प्रतिशत लोगों को कोरोनारोधी टीका की दूसरी खुराक लग चुकी है। सिक्किम जल्द ही 90 प्रतिशत के आंकड़े को पार कर जाएगा। 90 प्रतिशत पार करने के बाद सिक्किम को पूरी तरह से टीकाकरण वाला राज्य माना जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि हासिल करने के पीछे कई कारण हैं।
महानिदेशक एवं सचिव डाॅ. भूटिया के अनुसार, कोरोनारोधी टीकाकरण के प्रति राज्य सरकार का पूर्ण समर्थन इसका एक मुख्य कारण है। इसी तरह, टीकाकरण के प्रति सिक्किम के राज्यपाल, मुख्यमंत्री और मंत्रियों की राजनीतिक प्रतिबद्धता भी बहुत मददगार रही।
इस उपलब्धि के पीछे केंद्र सरकार से प्राप्त समर्थन भी उल्लेखनीय है। केंद्र सरकार ने कोरोनारोधी टीकों की आपूर्ति निरंतर जारी रखी, जिसके कारण यह अभियान इस मुकाम तक पहुंचा। सिक्किम में अभी भी पर्याप्त कोरोनारोधी टीका उपलब्ध है।
सिक्किम में रविवार को भी टीकाकरण जारी रहा। टीकाकरण कभी बंद नहीं हुआ। यह सब विधायकों, पंचायतों, पार्षदों, गैरसरकारी संगठनों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के सकारात्मक समर्थन से संभव हुआ।स्वास्थ्य कर्मियों ने सक्षम व्यक्तियों, वरिष्ठ नागरिकों, वृद्धाश्रमों जैसे विभिन्न स्थानों पर जाकर उनका टीकाकरण सुनिश्चित किया।
सचिव डॉ. भूटिया ने कहा कि इन्हीं सब कारणों से आज सिक्किम कोरोनारोधी टीकाकरण के मामले में देश में सबसे आगे है। उन्होंने कहा कि इस उपलब्धि का श्रेय राज्य की जनता को जाता है, जिन्होंने कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए अपना पूरा समर्थन दिया।
सचिव भूटिया ने कहा कि राज्य सरकार केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार बूस्टर डोज और 18 साल से कम उम्र के लोगों के टीकाकरण पर काम करेगी। राज्य में दूसरी खुराक लेने वालों की संख्या विभिन्न कारणों से कुछ कम हो रही है। हालांकि, विभाग का लक्ष्य इस साल 2021 तक दूसरी खुराक का लक्ष्य पूरा करने का है।