लॉस एंजेल्स, 02 जनवरी (हि.स.)। अमेरिका में बसे सिख अनुयाइयों ने बुधवार को यहां रोज परेड में अपनी मनोहारी झांकी निकाल कर लाखों भारतीयों और अमेरिकी लोगों की खूब वाहवाही बटोरी। इस बार की सिख समुदाय की झांकी ने आशा, विश्वास और सद्भाव का मंत्र दिया। नव वर्ष के पहले दिन पैसाडेना में सुबह करीब ढाई घंटों तक चली रंग-बिरंगे महकते फूलों से सजी-धजी झांकियों के प्रदर्शन में अमेरिका के चौदह राज्यों सहित छह देशों- इंग्लैंड, नार्वे, जापान और मेक्सिको आदि ने अपनी-अपनी प्रस्तुतियां दीं।
सिख समुदाय की ओर से छठे वर्ष लगातार निकाले जाने वाली झांकी 85 फ़ुट लंबी थी। इस झांकी की मुख्य शिल्पी एक सिख महिला मनिंदर मीनू सिंह हैं। वह पिछले एक वर्ष से सिखों की आस्था को आशा और विश्वास के साथ जोड़ने के लिए कोशिश में लगी थीं। इस सिख झांकी में यह संदेश देने की कोशिश की गई कि भाई घनेया सिंह ने 18वीं शताब्दी में जिस तरह अपनी आस्था से हट कर जंग के मैदान में सैन्यकर्मियों को पानी पिलाने का बीड़ा उठाया था, वह गजब की मिसाल थी। अमेरिकी फाउंडेशन की ओर से निकाली गई इस झांकी में सिख समुदाय ने स्वतंत्रता, समानता और करुणा से परिपूर्ण अपनी संस्कृति को प्रदर्शित करने की कोशिश की।
मीनू सिंह ने बताया कि इस झांकी को तैयार करने के लिए एक हजार चार सौ लोगों ने काम किया। इस झांकी में 69 हजार फूल सजाए गए थे, जिन्हें 16 बच्चे पानी देने का उपक्रम कर रहे थे। मीनू ने जोर दिया कि अगर हम पौधों को प्रेम, करना और सेवा भाव से सींचने की कोशिश करेंगे तो यह विश्व शांति, प्रेम और सौंदर्य से महक उठेगा। अमेरिका में पांच लाख सिख रहते हैं। यह रोज परेड 1890 से निकल रही है।
कोलोरोडो एवेन्यू सड़क मार्ग पर साढ़े पांच मील लंबी परेड की खूबी यह थी कि स्थानीय पुलिस ने खासा सुरक्षा बंदोबस्त किए थे। किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए आकाश मार्ग में हेलीकाप्टर तैनात थे। सड़क के दोनों ओर बैठे हजारों लोगों के मनोरंजन के लिए संगीत और गायन के भरपूर बंदोबस्त किए गए थे।
सिख समुदाय की झांकी जैसे-जैसे आगे बढ़ती जा रही थी, इसे जीवंत बनाने के उद्देश्य से झांकी पर बैठे सिख प्रहरी हाथ हिला-हिलाकर लोगों का अभिवादन स्वीकार कर रहे थे। वह बीच-बीच में ‘नव वर्ष मंगलमय’ के साथ लोगों का अभिवादन भी स्वीकार करते जा रहे थे।