दिल्ली से 1200 प्रवासियों को लेकर श्रमिक स्पेशल ट्रेन मुजफ्फरपुर रवाना

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लॉकडाउन में रेलवे ने 230 ट्रेनों से 2.6 लाख लोगों को उनके गृह राज्य पहुंचाया



नई दिल्ली, 08 मई (हि.स.)। कोरोना संकट और देशव्यापी तालाबंदी (लॉकडाउन) के कारण राष्ट्रीय राजधानी में फसे 1200 प्रवासी मजदूरों को लेकर शुक्रवार को नई दिल्ली से दूसरी श्रमिक स्पेशल रेलगाड़ी बिहार के मुजफ्फरपुर के लिए रवाना हुई। दिल्ली सरकार ने इन सभी यात्रियों के किराया भुगतान की घोषणा की है।
रेल मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया कि भारतीय रेल द्वारा लॉकडाउन में विभिन्न स्थानों पर रुके श्रमिकों, विद्यार्थियों, पर्यटकों के लिए, राज्य सरकारों के अनुरोध पर, अभी तक 230 से अधिक श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई गई हैं, जिससे लगभग 2.6 लाख लोगों को उनके गृह राज्यों में पहुंचाया जा चुका है।
रेलवे के अनुसार, शुक्रवार की दोपहर दो बजे 24 डिब्बों वाली श्रमिक स्पेशल ट्रेन नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से 1200 यात्रियों को लेकर रवाना हुई। इस दौरान वहां मौजूद रेल अधिकारियों और कर्मचारियों ने हाथ हिलाकर यात्रियों को विदा दी। इस बीच ट्रेन में सवार लोगों ने भी रेलवे का धन्यवाद किया। इससे पहले दिल्ली के विभिन्न जिलों में स्थित आश्रय ग्रहों और स्कूलों में मध्य प्रदेश जाने वाले प्रवासी मजदूरों की स्वास्थ्य जांच की गई। जहां इन्हें रास्ते के लिए भोजन और पानी की बोतलें जिला प्रशासन द्वारा मुहैया कराई गई। इसके बाद दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) की बसों में 2 गज की दूरी के नियम का पालन करते हुए पर्याप्त स्थान पर बैठाकर नई दिल्ली रेलवे स्टेशन लाया गया। यहां सोशल डिस्टेंसिंग के तहत ट्रेन यात्रियों को स्टेशन पर पर्याप्त दूरी पर बैठाया गया।
रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को 2 गज की दूरी बनाए रखने के लिए प्लेटफार्म पर विशेष मार्किंग की गई है। ट्रेन में चढ़ने को लेकर कोई भगदड़ न हो, इसके लिए यात्रियों को स्टेशन पर ट्रेन के छूटने से 2-3 घंटे पहले ही प्रशासन द्वारा पहुंचा दिया जाता है। यात्रियों पर किराए के मुद्दे पर शुक्रवार को दिल्ली के विकास मंत्री गोपाल राय ने ट्वीट कर कहा है कि श्रमिकों को लेकर दिल्ली से मुज़फ़्फ़रपुर, बिहार के लिए रवाना हुई ट्रेन में सवार सभी 1200 लोगों का किराया दिल्ली सरकार देगी।
उल्लेखनीय है कि श्रमिक स्पेशल रेलगाड़ियों से जाने वाले यात्रियों को स्वयं किराया का भुगतान नहीं करना होता। रेलवे और राज्य सरकार कमशः 85:15 के अनुपात से किराया वहन करते हैं।

 


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