घनसाली क्षेत्र में आतंक के पर्याय बने गुलदार को मारने के लिए छह शूटर तैनात

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देहरादून: जनपद टिहरी अन्तर्गत घनसाली प्रखंड क्षेत्र में आतंक के पर्याय बने गुलदार को मारने के लिए छह शूटरों को तैनात किया गया है। गुलदार की लगातार तीसरी घटना ने लोगों का सुख चैन छीन लिया है। वन मंत्री सुबोध उनियाल ने विभाग को मानव-वन्य जीव संघर्ष की घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण के लिए दीर्घकालिक उपाय सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। साथ ही फील्ड कर्मचारियों को अधिक मुस्तैद रखने का भी निर्देश दोहराया गया।

बीते दिनों गुलदार ने हिंदाव पट्टी के ग्राम पंचायत कोट महर गांव के एक बालिका को निवाला बनाया था। उसके बाद से वन विभाग की टीम क्षेत्र में लगातार गश्त कर रही ही। वन मंत्री उनियाल ने घटना पर दुःख व्यक्त करते हुए प्रभावित परिवार को अनुमन्य राहत राशि शीघ्र वितरण करने को कहा है।

वन विभाग की टीम प्रभागीय वनाधिकारी के निर्देशन में लगातार स्थिति पर कड़ी नजर बनाए हुए हैं। गुलदार से निपटने के लिए घटनास्थल के समीप कैमरा ट्रेप की प्रभावी व्यवस्था की गई है। विभागीय टीम को बीम लाइट्स, बाक्स लाइट्स व आधुनिक उपकरणों से लैस किया गया है ताकि गुलदार व तेन्दुआ की गतिविधियां चिन्हित की जा सकें। गुलदार को शूट करने के लिए छह अनुभवी विभागीय शूटरों को घटनास्थल पर तैनात कर दिया गया है। सुरक्षा की दृष्टि से वन प्रभाग की ओर से पहले से स्थापित सोलर पैनल व लाईट्स के अतिरिक्त गांव के मुख्य व वन मार्गो पर पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था की कार्यवाही तत्काल प्रारम्भ कर दी गई है।

दरअसल, भिलंगना रेंज की हिंदाव पट्टी के मेहरगांव तल्ला में शनिवार शाम करीब साढ़े चार बजे मेहर गांव में 13 वर्षीय साक्षी पुत्री विक्रम सिंह कैंतुरा घर से पास में स्कूल की तरफ खेलने जा रही थी, कि तभी झाड़ियों में छिपे गुलदार ने उस पर हमला कर दिया। बच्ची के चिल्लाने की आवाज सुनकर लोगों ने शोर मचाया तो गुलदार उसे करीब कुछ मीटर दूर छोड़कर भाग गया। ग्रामीण मौके पर पहुंचे लेकिन तब तक बालिका ने दम तोड़ दिया था। गुलदार की ओर से हमले की क्षेत्र में यह तीसरी घटना है। इससे पहले 22 जुलाई को भौंड़ गांव में नाै वर्षीय बालिका और 29 सितंबर को पूर्वाल गांव में तीन वर्षीय बालक को गुलदार ने निवाला बना दिया था। इससे ग्रामीणाें में भय बना हुआ है। वन विभाग ने गुलदार को शूटआउट करने के लिए छह शूटर तैनात किए गए हैं। साथ ही गुलदार को ट्रेस करने के लिए करीब कैमरे व पिंजरे भी लगाए हैं। साथ ही वन विभाग की टीम लगातार क्षेत्र में कैंप किए हुए हैं।


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