कोलकाता, 02 नवम्बर (हि.स.)। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनके पूर्व सहयोगी शोभन चटर्जी के बीच रिश्तों पर जमी बर्फ गलने के बाद एक बार फिर उनके पार्टी में लौटने की अटकलें तेज हो गई हैं।
सूत्रों के अनुसार आगामी सात नवम्बर को वह भाजपा को छोड़कर तृणमूल कांग्रेस में लौट सकते हैं। उनके साथ उनकी महिला मित्र बैसाखी बनर्जी भी लौटेंगी। तृणमूल सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि आगामी सात नवम्बर को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सभी तृणमूल विधायकों की बैठक बुलाई है। गत 14 अगस्त को भले ही दिल्ली जाकर शोभन चटर्जी ने भाजपा की सदस्यता ली थी लेकिन ममता बनर्जी ने उन्हें तृणमूल कांग्रेस के विधायक के तौर पर पार्टी से निष्कासित नहीं किया था। इसलिए दस्तावेजों में वह अभी भी तृणमूल कांग्रेस के ही विधायक हैं। इसलिए सात नवम्बर को होने वाली बैठक में उन्हें बुलाने पर विचार किया जा रहा है। स्वयं शोभन ने भी इसमें जाने पर दिलचस्पी दिखाई है।
दरअसल पिछले साल नवम्बर महीने में शोभन चटर्जी से मंत्री और कोलकाता के मेयर का पद ममता बनर्जी ने छीन लिया था। उसके बाद वह तृणमूल से दूर हो गए थे और लोकसभा चुनाव के दौरान दूर रहे थे। इसका खमियाजा तृणमूल को भुगतना पड़ा था और शोभन के विधानसभा क्षेत्र यानी बेहला पूर्व में भाजपा को शानदार बढ़त मिली थी। उसके बाद 14 अगस्त को अपनी महिला मित्र बैसाखी बनर्जी के साथ दिल्ली जाकर उन्होंने भाजपा की सदस्यता ले ली थी। हालांकि कोलकाता लौटकर उन्होंने प्रदेश भाजपा नेताओं पर अपनी महिला मित्र के अपमान का आरोप लगाया था और भाजपा से भी दूरी बना ली थी।
इस बीच गत मंगलवार को भैया दूज के दिन वह बैसाखी को साथ लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आवास पर जा पहुंचे थे। आशीर्वाद लिया था और साड़ियां भी उपहार के तौर पर दी थीं। उसके बाद राज्य सरकार ने उन्हें वाई श्रेणी की सुरक्षा लौटा दी है। इस बीच उनके तृणमूल कांग्रेस में लौटने की अटकलें तेज हो गई हैं। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भी लगातार उनकी नीयत पर सवाल खड़ा कर रहे हैं। सबकी निगाहें उन पर टिकी हैं। तृणमूल कांग्रेस के विश्वस्त सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की कि उस दिन शोभन चटर्जी पार्टी का दामन दोबारा थाम सकते हैं।